एफएसटी प्लांट एक एक माह के अंदर हो जायेगा चालू
नगर आयुक्त योगेंद्र प्रसाद ने अपनी टीम के साथ पछियारी कोठिया में बने ठोस अपशिष्ट प्लांट, एफएसटी प्लांट व लिगेसी वेस्ट प्लांट का निरीक्षण किया
देवघर : नगर आयुक्त योगेंद्र प्रसाद ने अपनी टीम के साथ पछियारी कोठिया में बने ठोस अपशिष्ट प्लांट, एफएसटी प्लांट व लिगेसी वेस्ट प्लांट का निरीक्षण किया. इस दौरान एजेंसी की धीमी कार्यशैली पर नाराजगी जतायी. निगम की सफाई एजेंसी के संचालक को कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया. नगर आयुक्त सबसे पहले ठोस अपशिष्ट प्रबंधन इकाई का निरीक्षण करने पहुंचे. वहां प्लांट हेड अजीत कुमार को निर्देश दिया कि पूरे शहर से प्रतिदिन निकलने वाले लगभग 110 टन सूखा और गीला कचरा को 24 घंटे के अंदर मशीन के माध्यम से निस्तारण करना सुनिश्चित करें. उन्होंने प्लांट मैनेजर मुकेश पाठक, जय प्रकाश को सूखा कचरा के रूप में अलग किये हुए प्लास्टिक व आरडीएफ के रूप में आए कूड़े को सीमेंट फैक्ट्री में भिजवाना सुनिश्चित करने को कहा. इससे कचरे कम होने के साथ ही आमदनी बढ़ेगी. प्लांट के कचरा संग्रहण और परिवहन (सी एंड टी) हेड अजीत कुमार को शहर में छोटे टिपर के माध्यम से घर-घर से कूड़ा का उठाव करना सुनिश्चित करने को कहा. इसके लिए छोटे टिपर की संख्या बढ़ाने को कहा. इसके बाद एफएसटी प्लांट गये, जहां जुडको के प्रोजेक्ट इंजीनियर रोहित राज को एक माह के अंदर प्लांट का ट्रायल कर चालू करने को कहा. इंजीनियर ने कहा कि प्लांट पूरी तरह से बनकर तैयार है. एक माह के अंदर ही ट्रायल कर ट्रीटमेंट प्लांट चालू कर दिया जायेगा. इसके बाद नगर आयुक्त लिगेसी वेस्ट ट्रीटमेंट प्लांट गये. वहां संवेदक रोहित सिंह को दो पालियों में एक लाख दो हजार मीट्रिक टन लिगेसी वेस्ट का निस्तारण सुनिश्चित करने को कहा. संवेदक ने बताया कि प्लांट चालू है. अगले दो माह में सभी लिगेसी वेस्ट का निस्तारण कर लिया जायेगा. इस संबंध में नगर आयुक्त योगेंद्र प्रसाद ने बताया कि एफएसटीपी ठोस और तरल कचरे को अलग करके उचित उपचार के साथ बागवानी, फ्लशिंग और खेती में काम लायक बनाया जाता है. यह पीने योग्य पानी नहीं होता है. इसे गैर-पीने योग्य पानी का उपयोग वर्मी कम्पोस्ट में किया जाता है, जबकि लिगेसी प्लांट में प्लास्टिक, पॉलीथिन आदि ज्वलनशील पदार्थों एवं मिट्टी और कंक्रीट को अलग किया जाता है. लिगेसी वेस्ट से निकलने वाले प्लास्टिक का इस्तेमाल ईंधन के रूप में किया जाता है. इस ईंधन की डिमांड सीमेंट फैक्ट्रियों में अधिक रहती है. मौके पर सहायक नगर आयुक्त विजय कुमार हांसदा, सहायक अभियंता पारस कुमार, एमएसडब्ल्यूएम के डायरेक्टर गोपाल कुमार, प्रबंधक जय प्रकाश, प्लांट के सुपरवाइजर विपुल कुमार, प्रदीप कुमार, पिंटू कुमार आदि मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है