देवघर के घनश्याम झा बने युवाओं के आइकॉन, 100 स्कूलो में फ्री पढ़ाने का है आंकड़ा, जगा रहे शिक्षा का अलख

देवघर के घनश्याम झा 68 साल की उम्र में भी देश के विभिन्न प्रांतों का भ्रमण कर शिक्षा का अलख जगा रहे हैं. वह देश के युवा से लेकर बुजुर्गों तक के लिए आइकॉन बने हुए हैं. उन्होंने 100 विद्यालयों में नि:शुल्क पढ़ाने का आंकड़ा छू लिया है.

By Prabhat Khabar News Desk | July 7, 2023 11:59 AM

Deoghar News: देवघर के घनश्याम झा 68 साल की उम्र में भी देश के विभिन्न प्रांतों का भ्रमण कर शिक्षा का अलख जगा रहे हैं. वह देश के युवा से लेकर बुजुर्गों तक के लिए आइकॉन बने हुए हैं. उनके दृढ़ संकल्प के कारण कभी भी अपने ऊपर बीमारी को हावी नहीं होने दिया. तीन जनवरी, 2023 को ब्रेन स्ट्रोक आया, फिर भी जज्बे को कमजोर नहीं होने दिया. बुधवार को रांची के ओरमांझी स्थित कोलकाता पब्लिक स्कूल में बच्चों की कक्षाएं लेकर एक सौ विद्यालयों में नि:शुल्क पढ़ाने का रिकाॅर्ड बनाया.

100 विद्यालय में नि:शुल्क पढ़ाने का आंकड़ा

इस संबंध में केंद्रीय विद्यालय के पूर्व शिक्षक घनश्याम झा ने बताया कि 1980 में देवघर के रामकृष्ण मिशन विद्यापीठ के बच्चों को रसायन शास्त्र पढ़ा कर अभियान की शुरुआत की है. बच्चों का उत्साह देख कर अधिक से अधिक स्कूल, संस्था, कोचिंग सेंटर में जाकर नि:शुल्क पढ़ाने की भावना जागृत हो गयी. पांच जुलाई, 2023 को रांची के एक विद्यालय में पढ़ा कर एक सौ विद्यालय में नि:शुल्क पढ़ाने का आंकड़ा छू लिया. उन्होंने कहा कि केंद्रीय विद्यालय से फरवरी 2015 में सेवानिवृत्त हुए हैं.

देवघर से शुरू की अभियान

वह देवघर से अभियान शुरू कर देश के कई प्रांतों के विभिन्न विद्यालयों, संस्थाओं, कोचिंग सेंटरों में शिक्षा दान कर रहे हैं. एक जनवरी 2023 को ब्रेन स्टोक होने से बेड पर चले गये थे. उस समय अभियान के ठहरने की संभावना लग रही थी, लेकिन हिम्मत नहीं हारे. जुलाई में फिर से शिक्षादान अभियान में जुट गये हैं. उन्होंने कहा कि वह राधे रुक्मिनी फाउंडेशन नामक संस्था बना कर बेटी पढ़ाओ-समाज बढ़ाओ- देश बढ़ाओ अभियान चला रहे हैं. उन्होंने कहा कि जबतक शक्ति रहेगी शिक्षा दान अभियान जारी रहेगा.

Also Read: देवघर : श्रावणी मेले में निर्बाध बिजली देने का दावा खोखला, रोजाना ढाई घंटे लिया जायेगा शटडाउन, जानें टाइमिंग

Next Article

Exit mobile version