Mahashivratri 2023: देवघर में निकलने वाली शिव बारात में जिला प्रशासन बाधा डालना चाहती है. यह बातें गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने पत्रकारों से बात करते हुए कही. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के इशारे पर देवघर डीसी शिव बारात को नहीं निकालने देना चाहते हैं. आरोप लगाया कि शिव बारात में बाधा डालना चाहती है जिला प्रशासन. अब आरपार की लड़ाई होगी.
झारखंड हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल
सांसद ने बताया कि शिवरात्रि महोत्सव समिति के अध्यक्ष अभिषेक आनंद झा के साथ मिलकर प्रशासन के आदेश के तीन बिंदुओं पर आपत्ति जताते हुए हाइकोर्ट में पीआईएल कर दिया है. इसमें रुट लाइन, धारा 144 और जिला प्रशासन की बैठक में जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित नहीं करने को लेकर हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल किया है. 16 फरवरी को ही हाइकोर्ट में सुनवाई की संभावना है. हाइकोर्ट के आदेश के बाद ही आगे की लड़ाई होगी. जरूरत पड़ी, तो अपने घर के पास ही आमरण-अनशन पर बैठ जायेंगे. पानी अब सिर से ऊपर उठ चुका है. अब आरपार की लड़ाई होगी. समिति अब प्रशासन को कोई मदद नहीं करेगी.
जिला प्रशासन अपना रहा है तानाशाही रवैया
उन्होंने कहा कि प्रशासन की रूट लाइन संकीर्ण है. बुधवार को मेरी ही गाड़ी तीन जगह फंस गयी. समिति द्वारा बतायी गयी रूट चौड़ी और सुगम है, जबकि प्रशासन की रूट में फव्वारा चौक तीन बार घूमना पड़ रहा है. कहा कि मुख्यमंत्री का खतियानी जोहार यात्रा और दुमका में झामुमो के स्थापना दिवस पर तोरण द्वार पर प्रशासन और निगम से कोई अनुमति नहीं ली गयी थी, लेकिन देवघर में बाबा के शिव बारात के तोरण द्वार लगाने में प्रशासन से अनुमति लेनी पड़ रही है. यह शिव की नगरी है, यहां बाबा की अनुमति से नेक कार्य होते हैं, लेकिन जिला प्रशासन तानाशाही रवैया एवं हिंदू विरोधी मानसिकता पेश कर रही है.
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राजनीति से ऊपर है शिव बारात
गोड्डा सांसाद ने कहा कि यह शिव बारात राजनीति से ऊपर है. इसमें राजद, कांग्रेस, झामुमो समेत सभी पार्टी के लोग शामिल होते हैं. शिव बारात वर्षों पुरानी है. देवघर के ब्रिटिश मजिस्ट्रेट मिस्टर कास्टर व मिस्टर विलियम्स ने अपनी किताब में 1890 व 1994 में भी देवघर में निकलने वाली शिव बारात का उल्लेख किया है, हालांकि अब इसका स्वरूप बढ़ गया है. पूर्व मेयर बबलू खवाड़े के अस्वस्थ होने के कारण इस परंपरा को आगे बढ़ाते हुए देवघर में पुरानी कमेटी के साथ नये लोग जुड़कर इस वर्ष शिव बारात निकाल रहे हैं. मैं इसमें केवल एक सांसद के तौर पर आर्थिक सहयोग एवं एक बाराती बनकर शामिल होने आया हूं.
अभिनेता संजय दत्त को मना करना पड़ा
सांसद डॉ दुबे ने बताया कि जिला प्रशासन की तानाशाही रवैये के कारण शिव बारात में शामिल होने वाले अभिनेता संजय दत्त को देवघर आने से मना करना पड़ा, बावजूद संजय दत्त देवघर आना चाह रहे हैं, लेकिन मैंने उन्हें रोक दिया. सांसद ने कहा कि मैं नहीं चाहता है कि जिला प्रशासन के इस रवैये का शिकार संजय दत्त को होना पड़े. प्रशासन जान-बूझकर कोई केस दर्ज न करा दे. उन्होंने बताया शिव बारात में सांसद मनोज तिवारी, अभिनेत्री भाग्यश्री एवं अक्षरा सिंह शामिल होंगे.