संवाददाता, देवघर : देवघर में पांच बड़े सरकारी बालू घाट और आठ बालू घाट ग्राम पंचायतों के अधीन हैं. पांच बड़े बालू घाट में जसीडीह, सारठ, करौं व मारगोमुंडा में बालू घाट हैं, लेकिन ये सारे पांच बालू घाट पिछले छह महीने से बंद है. पांचों बालू घाट में सबसे अधिक जसीडीह थाना क्षेत्र के बसतपुर घाट व सारठ थाना क्षेत्र के रानीगंंज बालू घाट से बालू का उठाव ऑनलाइन चालान के माध्यम से किया जाता था. इन दोनों घाट से बालू भारी मात्रा में देवघर शहर में ऑनलाइन चालान के साथ आपूर्ति की जाती थी. एनजीटी की रोक हटने के बाद इन बालू घाटों से ऑनलाइन चालान के साथ बालू का उठाव शुरू नहीं हो पाया है. जेएसएमडीसी के अधीन सभी बालू घाट संचालित होते थे. विभाग के अनुसार, बसतपुर बालू घाट का पर्यावरण क्लियरेंस अब तक नहीं मिल पाया है, जबकि रानीगंज घाट का एमडीओ अभी तक चयन नहीं हो पाया है. करौं व मारगोमुंडा में भी एमडीओ का चयन नहीं हुआ है. जेएसएमडीसी द्वारा पर्यावरण क्लियरेंस व एमडीओ की प्रक्रिया अभी चल रही है. इसमें एक महीने तक समय लग सकता है. इन बालू घाटों में स्टॉक यार्ड में भी बालू खत्म हो चुका है. ऐसी परिस्थिति में देवघर जिले में ऑनलाइन चालान से बालू शहर के लोगों को नहीं मिल पा रहा है. शहरवासियों को ब्लैक में अवैध बालू 3500 से चार हजार रुपये प्रति ट्रैक्टर खरीदना पड़ रहा है. बसतपुर व रानीगंज घाट से देवघर शहर में ऑनलाइन चालान से बालू आपूर्ति होती है. आठ ग्राम पंचायतों के बालू घाट से मैनुअल चालान के साथ सिर्फ प्रखंड स्तर तक ही आपूर्ति करने का प्रावधान है. ग्राम पंचायतों का बालू शहर तक नहीं ला सकते हैं. शहरवासियों को ब्लैक में बालू खरीदना पड़ रहा है.
………………बसतपुर बालू घाट के पर्यावरण क्लियरेंस की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पायी है. रानीगंज सहित करौं व मारगोमुंडा के घाट का एमडीओ चयन करने की प्रक्रिया चल रही है. यार्ड में बालू का स्टॉक खत्म हो गया है. वैसे एक महीने में सारी प्रक्रिया पूरी कर ऑनलाइन चालान वाले घाट को चालू कर दिया जायेगा. ग्राम पंचायत के घाट से प्रखंड क्षेत्र में मैनुअल चालान से बालू की आपूर्ति की जा रही है.
– सुभाष रविदास, डीएमओ, देवघर B
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