स्मृति दिवस पर याद किये गये साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन व उर्दू के अफसानानिगार सआदत हसन मंटो

मधुपुर के राहुल अध्ययन केंद्र में हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन व उर्दू के महान अफसानानिगार सआदत हसन मंटो को उनके स्मृति दिवस पर याद किया गया.

By Prabhat Khabar News Desk | January 18, 2025 8:19 PM

मधुपुर. शहर के भेड़वा नवाडीह स्थित राहुल अध्ययन केंद्र में हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार हरिवंश राय बच्चन व उर्दू के महान अफसानानिगार सआदत हसन मंटो को उनके स्मृति दिवस पर याद किया गया. इस अवसर पर दोनों की तस्वीर पर माल्यार्पण कर लोगों ने श्रद्धासुमन अर्पित किया. वहीं, धनंजय प्रसाद ने कहा कि हरिवंशराय बच्चन हिन्दी कविता के उत्तर छायावाद काल के प्रमुख कवियों में से थे. उन्हें सर्वाधिक ख्याति मधुशाला से मिली. तब से वे इलाहाबाद के प्रवर्तक के रूप में जाने जाते हैं. काव्य रचना के माध्यम से उन्होंने इंसान व समाज की सच्चाई को उजागर किया है. उन्होंने कहा कि इंसानी मनोविज्ञान का जैसा खुला चित्रण मंटो की कहानियों में देखने को मिलती है. वैसा शायद ही किसी अन्य रचनाकारों में दिखती है. ठंडा गोश्त, बू, टोबा टेक सिंह, खोल दो, ऊपर नीचे के दरम्यान व करामत जैसी बहुचर्चित कहानियों के वे लेखक थे. उर्दू के मशहूर अफसानानिगार सआदत हसन मंटो की गिनती उन साहित्यकारों में की जाती है, जिसकी गहराई समझने की कोशिश दुनिया आज भी कर रही है. मंटो अपनी कहानियों में समाज में व्याप्त पाखंड को बेबाकी से उजागर करते हैं. उनकी कहानियों में सभ्यता और इंसान की पाशविक प्रवृत्तियों के बीच जो द्वंद्व है, उसे उघाड़ कर रख दिया. भले ऐसे विभूतियों को कैसे बिसराया जा सकता है. उन्हें स्मरण करना लाजिमी है. अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किया.

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