Jharkhand News: देवघर में स्वास्थ्य विभाग के 11 वाहन हो गये कबाड़, MVI ने दिया ये निर्देश

झारखंड के देवघर जिले में स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराये गये 11 वाहन 15 साल से अधिक पुराने हो चुके हैं तथा ये अब कबाड़ बच चुके हैं. इन जर्जर वाहनों का रजिस्ट्रेशन भी समाप्त हो चुका है.

By Prabhat Khabar News Desk | October 14, 2022 1:19 PM

देवघर: झारखंड के देवघर जिले में स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराये गये 11 वाहन 15 साल से अधिक पुराने हो चुके हैं तथा ये अब कबाड़ बच चुके हैं. इन जर्जर वाहनों का रजिस्ट्रेशन भी समाप्त हो चुका है. इसे लेकर माेटरयान निरीक्षक ने जिला स्वास्थ्य विभाग के सभी वाहनों का रद्दीकारण करने का निर्देश दिया गया है. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी अनुसार, राज्य की ओर से 2005 में जिला स्वास्थ्य विभाग को सिविल सर्जन, एसीएमओ, डीआरसीएचओ, डीएलओ, डीटीओ और डीएमओ समेत सभी सीएचसी के लिए एक- एक वाहन उपलब्ध कराया गया था.

इन सभी वाहनों का रजिस्ट्रेशन और फिटनेश समाप्त हो चुका है. इसमें कई वाहन वर्षों पूर्व जर्जर हो चुके हैं, जो जसीडीह, मोहनुपर, सारवां, सारठ व करों सीएचसी में पड़े हुए हैं. वहीं सिविल सर्जन, एसीएमओ, डीआरसीएचओ और डीएमओ के वाहन की परिचालन किसी तरह से किया जा रहा है.

निजी वाहनों से चल रहे हैं पदाधिकारी : 

जिला स्वास्थ्य विभाग के पास उपलब्ध सभी वाहन जर्जर स्थिति में हैं. ऐसे में जिला स्वास्थ्य विभाग के सभी पदाधिकारी अपने निजी वाहनाें का उपयोग कर रहे हैं. इसमें सीएस, एसीएमओ समेत अन्य सभी पदाधिकारी अपने निजी वाहनों को क्षेत्र भ्रमण समेत रांची मीटिंग तथा अन्य कार्य के लिए उपयोग कर रहे हैं. विभाग से मिली जानकारी अनुसार इन सभी पदाधिकारियों को इसके लिए सिर्फ ईंधन मिल रहा है.

एमवीआइ ने वाहनों की वर्तमान स्थिति की मांगी जानकारी

15 साल से अधिक पुराने सभी वाहनों को माेटरयान निरीक्षक (एमवीआइ) ने रद्दीकरण करने का निर्देश दिया है. इस संबंध में सिविल सर्जन डाॅ जेके चौधरी ने बताया कि जिला में सीएस , एसीएमओ समेत सभी प्रोग्राम पदाधिकारी व सभी सीएचसी प्रभारी को पूर्व में विभाग की ओर से वाहन उपलब्ध कराया गया था. सभी वाहन 15 साल से अधिक पुराने हो चुके हैं. जिन्हें एमवीआइ ने रद्दीकरण करने को कहा गया है.

इसे लेकर सभी सीएचसी से वाहनों की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी मांगी गयी है. जानकारी अनुसार, एमवीआइ द्वारा दिये गये पत्र में कहा है कि वाहन की मरम्मत असुरक्षित है. वाहनों के अवलोकन में जर्जर पाया गया है. ऐसे में वाहनों की मरम्मत कराकर चलाना आर्थिक दृष्टिकोण से लाभप्रद नहीं है. एेसे में वाहनों को राज्य व राजस्व हित में रद्दीकरण किया जाना चाहिए.

रिपोर्ट- राजीव रंजन

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