14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

देवघर : सुनवाई के दाैरान हाइकोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने प्रार्थी को अदालत से हिरासत में लिया

आरोपी सत्यनारायण प्रसाद को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था. उन्हें वर्ष 2012 में दो माह की औपबंधिक जमानत मिली थी. अवधि पूरी होने के बाद से वह फरार हैं.

रांची : झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस राजेश कुमार की अदालत ने 498ए से जुड़े मामले में दायर क्रिमिनल रिट याचिका पर सुनवाई के दाैरान प्रार्थी व प्रतिवादी का पक्ष सुनने के बाद प्रार्थी के खिलाफ कड़ी नाराजगी जतायी. प्रतिवादी द्वारा प्रार्थी के बारे में दी गयी जानकारी सही पाये जाने पर अदालत ने सुनवाई के दाैरान प्रार्थी सत्य नारायण प्रसाद को तत्काल हिरासत में लेने का निर्देश देते हुए 28 फरवरी को देवघर के संबंधित अदालत में पेश करने का आदेश दिया. अदालत के बाहर प्रतिनियुक्त पुलिसकर्मियों ने अदालत के आदेश पर प्रार्थी को फाैरन अपनी कस्टडी में ले लिया. प्रोटोकॉल अफसर व प्रतिनियुक्त डीएसपी को बुलाया गया. उसके बाद प्रार्थी सत्यनारायण प्रसाद को धुर्वा थाना को साैंप दिया गया, जहां से पुलिस प्रार्थी को लेकर देवघर में संबंधित अदालत में 28 फरवरी को पेश करेगी. अदालत ने इस मामले में रिपोर्ट तलब की है. मामले की अगली सुनवाई 19 मार्च को होगी.

क्या है मामला

इससे पूर्व प्रार्थी की ओर से क्रिमिनल रिट याचिका दायर कर कांड संख्या-211/2012 के तहत सारे आपराधिक कार्यवाही को निरस्त करने का आग्रह किया गया था. इस पर प्रतिवादी की ओर से अधिवक्ता प्राण प्रणय ने प्रार्थी की दलील का विरोध किया. उन्होंने बताया कि 498ए के आरोप में प्रार्थी के खिलाफ देवघर टाउन थाना में कांड संख्या-211/2012 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. आरोपी सत्यनारायण प्रसाद को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा था. उन्हें वर्ष 2012 में दो माह की औपबंधिक जमानत मिली थी. अवधि पूरी होने के बाद से वह फरार हैं. निचली अदालत के आदेश पर कुर्की जब्ती की भी कार्रवाई की गयी है. इस बीच सत्यनारायण प्रसाद ने झारखंड हाइकोर्ट में क्रिमिनल रिट याचिका दायर कर सारे आपराधिक कार्यवाही को निरस्त करने की मांग की थी. हाइकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था. उसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर कर हाइकोर्ट के आदेश को चुनाैती दी थी. उनकी एसएलपी भी खारिज हो गयी है. उसके बाद सत्यनारायण प्रसाद ने फिर से देवघर की निचली अदालत में चल रही आपराधिक कार्यवाही को निरस्त करने को लेकर वर्ष 2023 में झारखंड हाइकोर्ट में क्रिमिनल रिट याचिका (485/2023) दायर की है, जो गलत है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें