देवघर : ग्रामीण क्षेत्रों में खुले रहे हाइस्कूल, शहरी क्षेत्रों में लटका रहा ताला

सूत्रों की माने तो जिला शिक्षा पदाधिकारी, कार्यालय देवघर द्वारा अवकाश तालिका 2024 का पत्र बनाया गया था, जिस पर डीइओ का हस्ताक्षर नहीं है. लेकिन, इस पर 28 दिसंबर 2023 की तारीख से ज्ञापांक 1815 अंकित है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 2, 2024 11:00 AM

देवघर : नववर्ष के पहले दिन सोमवार को सरकारी हाइस्कूलों व प्लस टू स्कूलों में छुट्टी को लेकर असमंजस की स्थिति बनी रही. विभाग की वार्षिक अवकाश तालिका के अनुसार पहली जनवरी को सभी कोटि के हाइस्कूलों व प्लस टू स्कूलों (अल्पसंख्यक सहित) में अवकाश घोषित है. लेकिन, देवघर जिले में जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के द्वारा इस संबंध में स्पष्ट अधिसूचना जारी नहीं की गयी. जिस कारण अपग्रेड प्लस टू स्कूल रोहिणी सहित ग्रामीण क्षेत्रों में कई स्कूल खुले रहे. शिक्षकों के साथ कर्मचारी भी उपस्थित थे. लेकिन, एक भी छात्र स्कूल में नहीं थे. सुबह नौ बजे से दिन के तीन बजे तक शिक्षकों को यूं ही स्कूल में बैठकर समय गुजारना पड़ा, जबकि शहरी क्षेत्रों में स्कूलों में ताला बंद था. 2023 के अवकाश कैलेंडर के अनुसार 25 से 31 दिसंबर तक शीतकालीन अवकाश घोषित था. लेकिन, पहली जनवरी को स्कूलों में अवकाश रहेगा या नहीं इस बारे में जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय द्वारा कोई स्पष्ट आदेश समय पर नहीं दिया गया. ऐसे में भ्रम की स्थिति के कारण कुछ स्कूल खुले रहे और अधिकतर बंद. इधर, सूत्रों की माने तो जिला शिक्षा पदाधिकारी, कार्यालय देवघर द्वारा अवकाश तालिका 2024 का पत्र बनाया गया था, जिस पर डीइओ का हस्ताक्षर नहीं है. लेकिन, इस पर 28 दिसंबर 2023 की तारीख से ज्ञापांक 1815 अंकित है.

नववर्ष के पहले दिन के अवकाश को लेकर असमंजस की स्थिति

नियमित पदाधिकारी के हस्ताक्षर के बाद ही ज्ञापांक व पत्रांक संख्या पत्र पर अंकित की जाती है. जिला शिक्षा पदाधिकारी के हस्ताक्षर रहित पत्र पर झारखंड राज्य माध्यमिक शिक्षक संघ, देवघर के जिला सचिव आलोक कुमार, झारखंड माध्यमिक शिक्षक संघ, देवघर के सचिव अमित कुमार सिंह, झारखंड स्टेट प्राइमरी टीचर्स एसोसिएशन, देवघर के जिलाध्यक्ष बसंत कुमार ठाकुर के स्पष्ट नाम उल्लेख होने के साथ झारखंड प्लस टू शिक्षक संघ, देवघर के सचिव का हस्ताक्षर भी है. ऐसे में बगैर डीइओ के हस्ताक्षर के पत्र पर ज्ञापांक व दिनांक का उल्लेख कैसे किया गया और विभिन्न शिक्षक संघ के पदाधिकारियों का नाम क्यों उल्लेख है. हालांकि, इस बारे में जिला शिक्षा पदाधिकारी टोनी प्रेमराज टोप्पो से पक्ष लेना चाहा, लेकिन उन्होंने फोन कॉल रिसीव नहीं किया. व्हाट्सएप पर दिये गये मैसेज का भी कोई जवाब नहीं मिला.

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