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हिंदी विद्यापीठ की कुलपति डॉ प्रमोदिनी हांसदा बोलीं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति से समाज में आयेगा बड़ा बदलाव

हिंदी विद्यापीठ के चेयरमैन सह कार्यक्रम के अध्यक्ष ने कहा कि भारत में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर सबसे पहले डॉ राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी थी. बाद में समय-समय पर जरूरत के हिसाब से संशोधन किया गया. बाद में कस्तूरी रंगन की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने कुछ अनुशंसा की थी.

देवघर: राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : संभावनाएं एवं मुद्दे विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन तक्षशिला विद्यापीठ के ऑडिटोरियम में शुरू हुआ. हिंदी विद्यापीठ, बीएड कॉलेज और इग्नू द्वारा आयोजित कार्यक्रम का उदघाटन हिंदी विद्यापीठ की वाइस चांसलर सह मुख्य अतिथि डॉ प्रमोदिनी हांसदा और हिंदी विद्यापीठ बीएड कॉलेज के चेयरमैन सह कार्यक्रम के अध्यक्ष कृष्णानंद झा सहित मंचासीन शिक्षाविदों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया. मुख्य अतिथि डॉ प्रमोदिनी हांसदा ने कहा कि पहले सभी विश्वविद्यालय, राज्य सरकार व केंद्र सरकार अलग-अलग सिलेबस जारी करती थी. अब नयी शिक्षा नीति के तहत राष्ट्रीय स्तर पर एक सिलेबस बना है, जो अमल में लाया जाने वाला है. इस प्रकार से यह एक बहुत बड़ा परिवर्तन हुआ है, जो सबके लिए चुनौती है.

हिंदी विद्यापीठ के चेयरमैन सह कार्यक्रम के अध्यक्ष ने कहा कि भारत में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लेकर सबसे पहले डॉ राधाकृष्णन की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी थी. बाद में समय-समय पर जरूरत के हिसाब से संशोधन किया गया. बाद में कस्तूरी रंगन की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने कुछ अनुशंसा की थी. इसी के आलोक में नयी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 बनी. अब जबकि शिक्षा नीति बन चुकी है, सेमिनार के तहत विचारों का आदान-प्रदान होगा. सेमिनार से विचार के रूप में जो अमृत निकलेगा उससे राष्ट्रीय शिक्षा नीति को और अधिक बल मिलेगा.

नयी दिल्ली, इग्नू से आये एसओई निराधार डे ने नयी शिक्षा नीति को विविधता में एकता के समान बताया. उन्होंने कहा कि ज्ञान की कोई सीमा नहीं है. छात्रों को ऑल राउंडर बनाने के लिए नयी शिक्षा नीति कारगर साबित होगी. इग्नू, देवघर के क्षेत्रीय निदेशक डॉ सरोज कुमार मिश्रा ने कहा कि राष्ट्रीय सेमिनार में जो बातें निकल कर आयेंगी, वो दूर तक प्रकाश फैलायेगी. सेमिनार में शामिल होकर इग्नू गौरवांवित महसूस कर रहा है. डीम्ड यूनिवर्सिटी भुनेश्वर, ओड़िसा, की प्रो डॉ सुजाता आचार्या ने कहा कि नयी एजुकेशन पॉलिसी अब धरातल पर उतरने जा रही है. ट्रांसफॉर्मेशन के इस दौर में नयी शिक्षा नीति समाज को बदलने का काम करेगी. नयी पॉलिसी से प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा.

चतरा कॉलेज के एचओडी डॉ नंदकिशोर सुलभ ने जीवन में तथा शिक्षा में नैतिकता पर बल दिया. सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, दुमका के एचओडी डॉ बिनय कुमार सिन्हा ने व्यावसायिक शिक्षा पर बल देते हुए बहुआयामी विषयों का महत्व बताया. महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी, बिहार की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ मनीषा रानी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को समाज की जरूरत बताया. उन्होंने कहा कि इसका परिणाम समाज को नयी दिशा देगी. हिंदी विद्यापीठ बीएड कॉलेज की प्राचार्य डॉ आशा मिश्रा ने भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर अपने विचार प्रकट करते हुए अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया. सेमिनार में बीएड कॉलेज की छात्राओं ने संथाली लोक नृत्य प्रस्तुत कर अतिथियों का स्वागत किया.

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