Holi 2020 : देवघर में 9 मार्च को होगा हरि-हर मिलन, शाम में वेदी से निकलेंगे राधा-कृष्ण
Holi 2020, Baba Mandir Deoghar, Holi in Deoghar : होली के एक दिन पूर्व बाबा वैद्यनाथ मंदिर में भगवान कृष्ण और भगवान शंकर का मिलन होता है. इस मिलन के बाद मंदिर में रंगो का त्योहार मनाया जाता है, उसके बाद देवघर नगरवासी होली मनाते हैं.
देवघर : (होली 2020) फाल्गुन पूर्णिमा को ही ‘हरि’ (भगवान विष्णु) और ‘हर’ (भगवान भोलेनाथ) का देवघर (बाबा वैद्यनाथ) की धरा पर मिलन हुआ माना जाता है. लोकमान्यताओं के अनुसार, लंकाधिपति रावण को देवताओं द्वारा भ्रमित कर भोलेनाथ के कामनालिंग को छद्मवेशधारी भगवान विष्णु के हाथ सौंपना, यूं तो परिस्थितिवश हुआ. देवघर में यह मिलन यहां का वह लोकोत्सव है, जिसके अगले दिन रंगों का मेला सिरजता है.
ढोल-बाजे के साथ ‘भीतरखंड’ से होली के नायक श्रीकृष्ण की धातु प्रतिमा को पुरातात्विक झूले (दोलमंच) पर लाना, अबीर-गुलाल से उनकी बंदगी करना, फगुनिया गुलाल की उड़ती महक के बीच बाबा बैद्यनाथ के विग्रह से उनका संस्पर्श कराना एक तरह से इस विलक्षण नगरी की ‘स्थापना की सांस्कृतिक तिथि’ भी है.
यह अवसर प्रभूत पुलकित करता है, क्योंकि इसमें पुरातत्व की सुरभि जो है. बाबा नगरी में नौ मार्च सोमवार को हरि-हर मिलन होगा. इसमें भगवान हरि भगवान हर से मिलेंगे. इस दिन भगवान हरि अपनी वेदी से पालकी पर बैठ कर शहर के मुख्य चौक चौराहों से गुजरते हुए आजाद चौक स्थिद दोलमंच जायेंगे. वहां झूले पर राधा संग झुलेंगे. इसमें सर्वप्रथम मंदिर भंडारी परिवार की ओर से झूले पर झुलाया जायेगा. इसके बाद भक्त झुलायेंगे.
बाबा नगरी में हरिहर मिलन का अलौकिक दृश्य देखने के लिए भक्त बेसब्री से इंतजार करते हैं. मंदिर इस्टेट की ओर से हरि-हर मिलन का समय साढ़े आठ बजे निर्धारित किया गया है. इस संबंध में मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त ने बताया कि सोमवार नौ मार्च को शाम साढ़े चार बजे मंदिर कार्यालय स्थित राधा-कृष्ण मंदिर से भगवान कृष्ण को पालकी पर बिठाकर सिंह दरवाजा, बड़ा बाजार होते हुए दोल मंच लाया जायेगा.
इस दौरान पश्चिम द्वार, सनबेल बाजार मोड़, सरदार पंडा पथ, शिवगंगा पथ स्थित असनी महाराज चौक, सिंह द्वार, पुरब गेट, ड्रोलिया चौक, गोविंद लाल अग्रवाला चौक पर भगवान हरि को मालपुआ, लड्डू का भोग लगाया जायेगा. दोल मंच पहुंचने के बाद भगवान हरि को मंदिर के भंडारी के द्वारा झूले पर झूलाया जायेगा. उन्हें अबीर-गुलाल चढ़ायेंगे. इसके उपरांत रात्रि 8 बजे से मंदिर इस्टेट की ओर से मंदिर पुजारी व आचार्य दुर्गा प्रसाद द्वारा परंपरा होलिका दहन की विशेष पूजा करेंगे.
भगवान को पालकी पर बिठाकर बड़ा बाजार होते हुए पश्चिम द्वार से मंदिर प्रवेश करेंगे. रात 8:30 बजे हरि-हर मिलन होगा. इसके साथ ही देव नगरी में विधिवत रूप से होली प्रारंभ हो जायेगी.