शिमला कल्याण छात्रावास आवारा पशुओं व असामाजिक तत्वों का बना अड्डा
पालोजोरी से 20 किमी दूर कुंजोड़ा पंचायत में करीब 27 वर्ष पूर्व बना छात्रावास खंडहर में तब्दील हो रहा है. इतने सालों से छात्रावास का उपयोग नहीं होने देखरेख के अभाव में खिड़की- दरवाजे टूट रहे हैं.
पालोजोरी. प्रखंड मुख्यालय से 20 किमी दूर कुंजोडा पंचायत के शिमला गांव में कल्याण विभाग द्वारा बनाये गये छात्रावास खंडहर में तब्दील हो रहे है. कल्याण विभाग ने लगभग 17 वर्षों पूर्व लाखों की लागत से दो मंजिला कल्याण छात्रावास का निर्माण कराया था. निर्माण के बाद से इस भवन का एक भी दिन उपयोग नहीं हुआ, जिसके कारण अब यह भवन आवारा पशुओं का बसेरा बनने के साथ-साथ असामाजिक तत्वों का भी अड्डा बन गया है, स्थानीय लोगों ने बताया कि जिस उद्देश्य से इस भवन का निर्माण हुआ था. उस पर यह कहीं से खरा नहीं उतरा. निर्माण के बाद से ही यहां के लोग इसकी उपयोगिता को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. भवन का उपयोग नहीं होने से खिड़की-दरवाजे टूटकर खराब हो रहे है. वहीं छात्रावास के सामने बड़ी-बड़ी झाड़ियां उग आयीं हैं. स्थानीय लोग बताते हैं कि वर्ष 2007 में प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय शिमला में पढ़ने वाले छात्रों के लिए कल्याण विभाग ने इसका निर्माण कराया गया था. निर्माण के बाद से ही यह छात्रावास बंद पड़ा हुआ है. अगर इस छात्रावास का सफलता पूर्वक संचालन होता तो क्षेत्र के गरीब बच्चे जो बाहर रह कर अपनी पढ़ाई नहीं कर पाते हैं उन्हें काफी लाभ मिलता. इस भवन में लगभग 30 कमरे हैं. वहीं शौचालय, रसोई, हॉल सहित छात्रों के लिए अन्य सभी तरह की सुविधाएं इस भवन में थी. वहीं चोर उचक्के ने भवन से खिड़की व दरवाजे भी चुरा लिये है. प्रोजेक्ट उच्च विद्यालय शिमला प्रबंधन को भी इसके संचालन में कोई रुचि नहीं हैं. वहीं विद्यालय के प्रधानाध्यापक ने भी इस छात्रावास को लेकर अनभिज्ञता जाहिर करते हुए बताया कि छात्रावास के संचालन के लिए विभाग से कई बार पत्राचार किया गया है. लेकिन इस दिशा में अब तक कोई ठोस पहल नहीं हो पाने की वजह से छात्रावास का संचालन नहीं हो पा रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है