झारखंड: पोस्ट ऑफिस से अवैध निकासी मामले में 40 साल बाद आया फैसला, दोषी पोस्टमास्टर को 3 साल की सजा
मोहनपुर थाना क्षेत्र के घोरमारा में डाकघर की शाखा है, जिसमें घटना के समय भोलानाथ मंडल पोस्टमास्टर था. उसके कार्यकाल में डाकघर में कई लोगों ने बचत खाता खुलवाया था. बचत खाताधारियों में से नौ खाताधारियों के खाते से 17,024.31 रुपये की अवैध निकासी कर ली गयी थी.
देवघर: घोरमारा डाकघर से अवैध तरीके से रुपयों की निकासी करने के 40 साल पुराने मामले में मंगलवार को एसडीजेएम रश्मि अग्रवाल की अदालत ने फैसला सुनाया. इसमें घोरमारा डाकघर के तत्कालीन पोस्टमास्टर भोला नाथ मंडल को दोषी पाकर तीन साल की सश्रम सजा सुनायी गयी. साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर दोषी को अलग से तीन माह की सामान्य कैद की सजा काटनी होगी.
दोषी भोलानाथ मंडल मोहनपुर थाना क्षेत्र के घोरमारा गांव का रहनेवाला है. यह मुकदमा देवघर पोस्ट ऑफिस के सहायक अधीक्षक गोविंद झा के बयान पर 28 जुलाई 1983 को दर्ज हुआ था. मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से सहायक लोक अभियोजक अजय कुमार साहा ने पांच लोगों की गवाही दिलायी व दोष सिद्ध करने में सफल रहे, जबकि बचाव पक्ष से अधिवक्ता संजीव प्रकाश ने पक्ष रखा.
मोहनपुर थाना क्षेत्र के घोरमारा में डाकघर की शाखा है, जिसमें घटना के समय भोलानाथ मंडल पोस्टमास्टर था. उसके कार्यकाल में डाकघर में कई लोगों ने बचत खाता खुलवाया था. बचत खाताधारियों में से नौ खाताधारियों के खाते से 17,024.31 रुपये की अवैध निकासी कर ली गयी थी. इस प्रकार की निकासी में खाताधारियों का हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान नहीं लिया गया था. इसकी शिकायत की गयी व देवघर पोस्टऑफिस के सहायक अधीक्षक ने सही पाया. पश्चात मोहनपुर थाना में कांड संख्या 64/1983 दर्ज हुआ. पुलिस ने मामले का अनुसंधान शुरू किया व 30 अप्रैल 1986 को आरोप पत्र दाखिल किया गया. इसके बाद केस का ट्रायल हुआ तथा मामले की सुनवाई के दौरान खाताधारियों ने गवाही दी व रुपये गबन की बात को सही बताया. एसडीजेएम रश्मि अग्रवाल ने आरोपी को भादवि की धारा 409 यानी लोक सेवक द्वारा विश्वास का आपराधिक हनन का दोषी करार दी एवं उपरोक्त सजा सुनायी.