Deoghar News : औषधीय पौधों के उत्पादन से किसानों की बढ़ेगी आय, बेहतर मार्केटिंग की संभावनाएं

राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (आयुष मंत्रालय, भारत सरकार) और चेतना विकास के संयुक्त प्रयास से रामराज आश्रम में औषधीय पौधों की खेती पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. यादवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता के क्षेत्रीय सह सुविधा केंद्र द्वारा औषधीय पौधों की तकनीकी खेती व उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों को इस क्षेत्र में नयी संभावनाओं से अवगत कराया.

By Prabhat Khabar News Desk | December 27, 2024 10:14 PM
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संवाददाता, देवघर : राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (आयुष मंत्रालय, भारत सरकार) और चेतना विकास के संयुक्त प्रयास से रामराज आश्रम में औषधीय पौधों की खेती पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. यादवपुर विश्वविद्यालय, कोलकाता के क्षेत्रीय सह सुविधा केंद्र द्वारा औषधीय पौधों की तकनीकी खेती व उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ-साथ किसानों को इस क्षेत्र में नयी संभावनाओं से अवगत कराया. इस कार्यशाला में देवघर, दुमका, गिरिडीह, धनबाद, साहिबगंज सहित बिहार के जमुई जिले के 150 से अधिक किसानों, वैद्यों, आदिवासियों, स्वयंसेवी संगठनों, उद्यमियों, आयुर्वेदिक कंपनियों, मार्केटिंग एजेंसी ने हिस्सा लिया. कार्यशाला का उद्घाटन डॉ सौम्यजीत विश्वा व प्रो आशीष मजुमदार ने औषधीय पौधों के राज्य स्तरीय महत्व और उनकी बढ़ती मांग के बारे में बताया. डॉ सौम्यजीत ने औषधीय पौधों की खेती व उत्पादन से संभावनाओं का उल्लेख करते हुए किसानों को इस खेती से जुड़ने का आह्वान किया. जिला उद्यान पदाधिकारी यशराज ने बताया कि औषधीय पौधों के उत्पादन, मार्केटिंग की संभावनाओं सहित उत्तर भारत में उत्पाद की मांग काफी है. इससे किसानों की आय बढ़ेगी. इस मौके पर मुख्य प्रशिक्षक कृष्णा प्रसाद ने बताया कि झारखंड के जलवायु और मिट्टी के अनुसार बेहतर उगने वाले औषधीय पौधों जैसे सतावर, सर्पगंधा, कालमेघ, तुलसी, और अश्वगंधा की खेती तकनीकी तरीके से किया जा सकता है. इस मौके पर शांतनु चक्रवर्ती, चेतना विकास के सचिव कुमार रंजन आदि थे.

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