मधुपुर . फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत एमएफ सर्वे हेतु गुरुवार को अनुमंडलीय अस्पताल की स्वास्थ्य टीम ने साप्तर गांव में ग्रामीणों को फाइलेरिया बीमारी संबंधी जानकारी विस्तार से दी, साथ ही रात्रि रक्त पट्ट संग्रह के लिए प्रेरित किया. स्वास्थ्य टीम ने सभी से आग्रह किया कि अवश्य रूप से अपने रक्त का नमूना दें. एमएफ संक्रमण दर की वर्तमान स्थिति की पुष्टि हेतु फाइलेरिया रोगी का पता लगाना अत्यंत आवश्यक है. स्वास्थ्य टीम ने बताया कि जागरुकता से ही इस बीमारी पर नियंत्रण पाया जा सकता है. यह बीमारी संक्रमित क्यूलेक्स मच्छर के काटने से होता है. इसलिए सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग अवश्य करें. इस बीमारी का पता शुरुआती दौर में नहीं चलता है. इसका परजीवी बहुत दिनों तक मनुष्य के शरीर में मौजूद रहता है. रक्त की जांच के द्वारा ही बीमारी का पता लगाया जा सकता है. टीम की ओर से 17 से 19 अक्तूबर तक साप्तर क्षेत्र के गांव में रक्त पट संग्रह किया जायेगा. जबकि 20 से 22 अक्टूबर तक कुर्मीडीह क्षेत्र में फायलेरिया जांच हेतु रक्त पट संग्रह किया जाना है. फलेरिया परजीवी की जांच हेतु रात में ही रक्त पट संग्रह करने का प्रावधान है. क्योंकि इसी वक्त यह परजीवी एक्टिव मोड में मानव शरीर में रहते है. स्वास्थ्य टीम में एमटीएस तपन कुमार, एमपीडब्ल्यू अजय कुमार दास, संजीव कुमार, विनोद कुमार दास, तनवीर आलम, सहिया साथी अन्नू देवी, सहिया सबिता देवी, सुनीता देवी, सेविका रेखा कुमारी वर्मा, कविता कुमारी आदि मौजूद थे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है