बौद्धिक क्षमता की कमी को दूर करने में आनुवंशिकी की भूमिका का अध्ययन जरूरी
देवघर एम्स में एनाटॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के बिहार व झारखंड चैप्टर का 12वां राज्य सम्मेलन का आयोजन किया गया. देवघर एम्स के एनाटॉमी विभाग द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में शोधकर्ता ट्रांसक्रिप्टोमिक्स के माध्यम से एनाटॉमी - एनाटोमिया जेनेटिका के बारे में चर्चा की.
संवाददाता, देवघर : देवघर एम्स में एनाटॉमिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया के बिहार व झारखंड चैप्टर का 12वां राज्य सम्मेलन का आयोजन किया गया. देवघर एम्स के एनाटॉमी विभाग द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में शोधकर्ता ट्रांसक्रिप्टोमिक्स के माध्यम से एनाटॉमी – एनाटोमिया जेनेटिका के बारे में चर्चा की. साथ ही मस्तिष्क की शारीरिक रचना और आनुवंशिकी की भूमिका पर विस्तार से चर्चा की गयी. सम्मेलन का उद्देश्य शारीरिक रचना व आनुवंशिक अनुसंधान के बीच की खाई को पाटना था. इसमें बताया गया कि ट्रांसक्रिप्टोमिक्स में प्रगति कैसे मानव शरीर रचना और इसकी विविधताओं के बारे में हमारी समझ को बढ़ा सकती है. सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए देवघर एम्स के निदेशक डॉ सौरभ वार्ष्णेय ने कहा कि समाज के सामने आने वाली नैदानिक व बौद्धिक क्षमता में कमी जैसी विकलांगताओं को दूर करने में आनुवंशिकी की महत्वपूर्ण भूमिका का अध्ययन करना आवश्यक है. आनुवंशिक कारकों को समझना विभिन्न स्वास्थ्य स्थितियों के निदान और प्रबंधन में महत्वपूर्ण रूप से योगदान दे सकता है, जिससे रोगी को ठीक किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण विषयों पर ज्ञान के आदान-प्रदान करने से समाज को फायदा होगा. एक स्वस्थ समाज देने में सफलता मिलेगी. सम्मेलन में दिल्ली एम्स के डाॅ रीमा, केजीएमसी लखनऊ के डॉ अर्चना, एएफसी दिल्ली के भ्रूण विज्ञानी डॉ सबरमीत सिंह, आइजीएमएस पटना के डाॅ रंजीत गुहा, एम्स पटना के डॉ आदिल असगर आदि ने रिसर्च के निष्कर्षों के बारे में बताया गया. इस मौके पर डॉ रंजीत कुमार, डॉ उर्मिला सिन्हा, डॉ खुर्शीद रजा, डॉ अजय पटेल, डॉ अर्पण हलधर, डॉ विशाखा सोनटक्के, डॉ रुचि रत्नेश, डॉ नीलम, डॉ फैजल आदि थे. ——————————— एम्स में एनाटॉमी पर 12वां राज्य सम्मेलन का आयोजन, वक्ताओं ने कहा
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