जननी सुरक्षा योजना का हाल: देवघर की 6049 महिलाओं का करीब 83 लाख बकाया, 12 हजार लाभुकों ने नहीं दिया आवेदन

jharkhand news: देवघर में जननी सुरक्षा योजना का हाल बेहाल है. इस योजना का लाभ लेने के लिए 6,049 महिलाओं ने आवेदन दिया, लेकिन इन लाभुकों का करीब 83 लाख रुपये बकाया है. वहीं, करीब 12 हजार महिलाओं ने आवेदन तक नहीं दिये हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2021 4:15 PM

Jharkhand news: संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और जच्चा-बच्चा की स्थिति में सुधार लाने के लिए केंद्र सरकार की ओर से जननी सुरक्षा योजना (Janani Surakha Yojana- JSY) की शुरुआत की गयी है. इसके तहत प्रसव के बाद उनके स्वास्थ्य की देखभाल तथा जच्चा-बच्चा को पर्याप्त पोषण के लिए शहीर क्षेत्र की महिलाओं को 1000 रुपये तथा ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को 1400 रुपये प्रोत्साहन राशि के रूप में उनके बैंक अकाउंट में दिया जाता है. लेकिन, पिछले एक साल में देवघर में 6,049 महिलाओं को इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा है.

स्वास्थ्य विभाग की रिपाेर्ट के अनुसार, जिले में 17,942 महिलाओं को जननी सुरक्षा योजना का लाभ मिलना था. इसमें अबतक 6,049 महिलाओं ने विभिन्न अस्पताल में आवेदन भी दिया है. इसके बावजूद उन्हें राशि नहीं मिल सकी है. हालांकि, 11,893 महिलाओं ने अब तक आवेदन भी नहीं दिये हैं. रिपोर्ट के अनुसार, जिले में आवेदन करनेवाली 6,049 लाभुकों को अब तक 82,72,200 रुपये बकाया है.

मधुपुर अनुमंडल अस्पताल में कई महिलाओं को 2016 से नहीं मिली है राशि

विभाग के अनुसार, मधुपुर अनुमंडल अस्पताल में वर्ष 2016 से अब तक प्रसव करानेवाली हजारों महिलाओं को इसका लाभ नहीं मिल सका है. इसके अलावा कहीं एक साल, तो कहीं दो साल से इस योजना का लाभ नहीं मिल सका है. आवेदन करनेवाले परिजन लगातार अस्पताल समेत सीएचसी का चक्कर लगा रहे हैं.

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क्या है जननी सुरक्षा योजना

जननी सुरक्षा योजना राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सुरक्षित मातृत्व कार्यक्रम है. इसका मुख्य उद्देश्य गर्भवती महिलाओं के संस्थागत व सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देना है. साथ ही प्रसव के समय मां व नवजात के मृत्यु दर को कम करना है. इसके लिए केंद्र सरकार यह मदद देती है.

योजना का लाभ क्यों देती है सरकार

गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाएं गर्भवस्था के दौरान अपनी स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों को पूरा नहीं कर पाती है. आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में समुचित स्वास्थ्य सुविधा की उपलब्धता मुश्किल है. केंद्र सरकार की ओर से योजना शुरू की गयी है, ताकि गर्भवती महिलाओं व डिलीवरी के बाद महिलाओं को सहायता मिल सके.

जिले में 9 सरकारी अस्पताल में हो रही है डिलीवरी

संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में सदर अस्पताल समेत जसीडीह सीएचसी, देवीपुर सीएचसी, मोहनपुर सीएचसी, सारवां सीएचसी, सारठ सीएचसी, पालोजाेरी सीएचसी, करौं सीएचसी और मधुपुर अनुमंडल अस्पताल में डिलीवरी होती है.

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फंड की कमी के कारण नहीं हुआ भुगतान : सिविल सर्जन

इस संबंध में देवघर के सिविल सर्जन डॉ सीके शाही ने कहा कि जिला में फंड की कमी के कारण इसका भुगतान नहीं हो पा रहा है. विभाग से फंड की मांग की गयी है. फंड मिलने के बाद भुगतान किया जायेगा. तब तक महिलाएं आवेदन कर रही है.

Posted By: Samir Ranjan.

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