Jharkhand News, Deoghar News, Cyber Crime Jharkhand News देवघर : साइबर ठग लोगों से ठगी करने के लिए नये-नये तरीके इजाद कर रहे हैं. यही नहीं, साइबर ठगों की नजर भोले-भाले ग्रामीणों के वैसे खाते पर है, जिनमें सरकारी योजनाओं की राशि आती है. हाल के दिनों में साइबर ठगी के ऐसे मामले सामने आये हैं, जिनमें सीएसपी संचालक की भूमिका संदिग्ध रही है. कई सीएसपी संचालक गिरफ्तार भी किये गये हैं. साइबर ठग व सीएसपी संचालक की गठजोड़ से संताल परगना में साइबर ठगी का कारोबार फल-फुल रहा है. अब लाभुकों के अंगूठे का क्लोन बनाकर सीएसपी के माध्यम से इन दिनों सरकार की विभिन्न योजनाओं की राशि निकाली जा रही है.
मोहनपुर के थाना क्षेत्र के योगिया गांव से सटे बिहार के जयपुर स्थित कटियारी पंचायत के धरवा गांव निवासी संजू पंडित का एक खाता जोगिया गांव में संचालित सीएसपी केंद्र में है. संजू ने पहले इस ग्राहक सेवा केंद्र से 3 फरवरी को दस हजार रुपये की निकासी की, उसके बाद संजू के खाते से धीरे-धीरे कुल 45 हजार रुपये 20 दिनों के अंदर निकल गये.
इस खाते से संजू को सरकार द्वारा उपलब्ध करायी गयी प्रधानमंत्री आवास की राशि 20 हजार रुपये भी निकल गयी. संजू ने आशंका जतायी है कि उनके अंगूठे का किसी ने क्लोन बनाकर उनके खाते से सरकारी योजना समेत निजी राशि की निकासी कर ली है. ठगी की शिकार हुई यह महिला अब अपनी राशि वापस कराने के लिए मोहनपुर थाना से सटे बिहार के जयपुर थाना का चक्कर लगा रही है.
मोहनपुर थाना क्षेत्र के ही बलथर गांव में एक सीएसपी संचालक ने एक वृद्धा का आधार कार्ड व अंगूठे का निशान लेकर क्लोन बना लिया था. उस वृद्ध महिला के नाम से सीएसपी में खाता खोलकर उनके खाते में हिमाचल प्रदेश के एक व्यापारी से 16 लाख रुपये ठगी का पैसा ट्रांसफर कर लिया. हिमाचल प्रदेश पुलिस जब लोकेशन के आधार पर जांच में पहुंची तो पाया कि उक्त वृद्धा की मौत हो चुकी है. मामले का खुलासा होने के बाद हिमाचल प्रदेश पुलिस सीएसपी के संचालक कैलाश यादव को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गयी.
इन दिनों कई ऑनलाइन कंपनियां घर बैठे पैसे निकासी की सुविधा दे रही है. इसका गलत फायदा साइबर ठग उठा रहे हैं. ऑनलाइन बैंकिंग एप में मोबाइल में ऐप को डाउनलोड कर ग्राहकों से उनके घर में ही जाकर अंगूठे का निशान लेते हैं और पैसे की निकासी करवाते हैं. इसका साइबर ठग गलत इस्तेमाल कर रहे हैं.
साइबर ठग अधिकांश ग्रामीण क्षेत्रों में भोल-भाले व निरक्षर सरकारी योजना के लाभुकों को अपना शिकार बनाकर अंगूठे का क्लोन तैयार करते हैं. साइबर ठग काफी चालाकी से लाभुकों को बहला-फुसलाकर किसी तरह अंगूठे का निशान सफेद कागज में लेते हैं, उसके बाद मोम अथवा ग्लू गन से अंगूठे का क्लोन बनाकर उसके बाद फेवीकोल या फेवी क्विट जैसे गोंद से अंगूठे का नमूना बना लेते हैं. इससे संबंधित लाभुकों के अंगूठे का हूबहू क्लोन तैयार कर उनके खाते मेंं आयी सरकारी योजनाओं की राशि मनमाने तरीके से निकाल लेते हैं. देवघर में साइबर ठग मामले तथा Hindi News से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.
Posted By : Sameer Oraon