जामताड़ा के बाद झारखंड का यह जिला बना साइबर अपराधियों का नया हब, ठगों के 2000 मोबाइल नंबर सक्रिय मिले
ट्रैकिंग के दौरान यह भी पाया गया कि पूरे देश में साइबर ठगी के करीब 20 प्रतिशत मामले देवघर से अंजाम दिये गये हैं. देवघर में बैठे साइबर अपराधी राजस्थान और मध्यप्रदेश सहित दूसरे राज्यों में भी ठगी कर रहे हैं.
देवघर : झारखंड का देवघर जिला इन दिनों पूरे देश में साइबर अपराधियों के लिए हब बन गया है. इसका खुलासा तब हुआ, जब सीआइडी डीजी अनुराग गुप्ता ने गृह मंत्रालय के अधीन काम करनेवाले संगठन इंडियन साइबर क्राइम को-ऑर्डिनेशन सेंटर (आइफोरसी) के सहयोग विभिन्न राज्यों में साइबर ठगी की घटनाओं में इस्तेमाल किये गये मोबाइल नंबर हासिल कर ‘प्रतिबिंब’ ऐप के जरिये साइबर अपराधियों को ट्रैक किया. इस दौरान सिर्फ देवघर में साइबर अपराधियों के 2000 मोबाइल नंबर सक्रिय मिले.
ट्रैकिंग के दौरान यह भी पाया गया कि पूरे देश में साइबर ठगी के करीब 20 प्रतिशत मामले देवघर से अंजाम दिये गये हैं. देवघर में बैठे साइबर अपराधी राजस्थान और मध्यप्रदेश सहित दूसरे राज्यों में भी ठगी कर रहे हैं. इसी तरह जामताड़ा में साइबर अपराधियों के 751 मोबाइल नंबर सक्रिय मिले. जबकि, रांची में साइबर अपराधियों के न्यूनतम 46 और अधिकतम 77 मोबाइल नंबर सक्रिय पाये गये. यह आंकड़ा पिछले एक सप्ताह का है.
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देवघर के लिए गठित की जा रही स्पेशल टास्क फोर्स
पूरे देश में देवघर में सबसे अधिक साइबर अपराधियों के सक्रिय होने से वहां कार्रवाई के लिए स्पेशल टास्क फोर्स गठित की जा रही है, ताकि ‘प्रतिबिंब’ ऐप के जरिये साइबर अपराधियों को ट्रैक करके देवघर पुलिस छापेमारी की कार्रवाई कर सके. इसके लिए सीआइडी डीजी ने पुलिस मुख्यालय एडीजी अभियान संजय आनंद लाठकर को एक कंपनी फोर्स देवघर एसपी को उपलब्ध कराने का अनुरोध किया है.
रांची में कार्रवाई का जिम्मा रेंज डीआइजी को
रांची में साइबर अपराधी विशेष रूप से हिनू और आसपास के इलाके में सक्रिय मिले हैं. जबकि, साइबर अपराधियों का लोकेशन बदलता भी रहता है. इससे यह आशंका जतायी जा रही है कि बाहर से आकर साइबर अपराधी राजधानी में रह रहे हैं. इसलिए इनके खिलाफ कार्रवाई का जिम्मा सीआइडी डीजी ने रांची रेंज के डीआइजी अनूप बिरथरे को दिया है. जबकि, जामताड़ा में सक्रिय साइबर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई का जिम्मा दुमका डीआइजी को दिया गया है.