Jharkhand Election 2024: देवघर, झारखंड विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार खेतौरी, घटवाल और घटवार समुदाय के लिए बड़ा तोहफा लेकर आई है. केंद्र सरकार प्रदेश के इन तीनों समुदाय को आदिवासी का दर्जा देने की तैयारी कर रही है. यह जानकारी केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव ने सांसद डॉ निशिकांत दुबे के देवघर स्थित आवास में मीडिया के सामने दी. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि झारखंड के खेतौरी, घटवाल और घटवार समुदाय को एसटी का दर्जा देने की मांग लंबे समय से हो रही थी. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी इन मांगों पर अपनी सहमति जता चुके हैं. जनजातीय मंत्रालय ने इस प्रस्ताव पर आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी है. झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद गृह मंत्री के साथ बैठक कर संसदीय प्रणाली की प्रक्रिया पूरी कर खेतौरी, घटवाल, घटवार समुदाय सहित असम के छह समुदाय को जनजातीय का दर्जा दिया जायेगा.
दुमका में 500 करोड़ की लागत से बनेगा सिदो-कान्हू रिसर्च सेंटर
केंद्रीय मंत्री जुएल उरांव ने बताया कि जनजातीय मंत्रालय नेशनल ट्राइबल रिसर्च इंस्टीट्यूट के विकास पर काम कर रही है. भारत सरकार दुमका में 500 करोड़ रुपये का रिसर्च सेंटर खोलने जा रही है. आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों पर डॉक्यूमेंट्री सहित आदिवासियों को दर्शाने वाला म्यूजियम बनेगा. देश भर में जितने भी ट्राइबल भाषा हैं, उसे अन्य भाषाओं में ट्रांसलेट कराने के लिए वेबसाइट तैयार की जा रही है. संथाली और मुंडा जैसी भाषा को वेबसाइट के जरिये हिंदी में ट्रांसलेट कर सकते हैं. मंत्रालय आदिवासियों की परंपरा व पूर्वजों को इतिहास के पन्ने में प्रमुखता से रखने के लिए काम कर रही है.
प्रधानमंत्री जमुई में जनजातीय गौरव दिवस मनायेंगे
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 मई को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने बिहार के जमुई आ रहे हैं. जमुई में भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर प्रदर्शनी लगायी जायेगी. इस दौरान पुरस्कारों का भी वितरण किया जायेगा. 15 नवंबर को राष्ट्रपति भवन में स्थापित बिरसा मुंडा की तस्वीर पर राष्ट्रपति की ओर से माल्यार्पण किया जायेगा. पीएम आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान का शुभारंभ भी करेंगे. देश भर के 63,834 गांवों में योजनाओं पर काम होगा. देश भर के 27 राज्यों में यह जनजाति गौरव मनाया जायेगा. इन राज्यों के 500 जिलों में कार्यक्रम होगा. 100 जिलों में पीएम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संवाद भी करेंगे. कई स्कूलों में कार्यक्रम होंगे. बिरसा मुंडा के जन्म स्थल उलिहातू में भी जनजातीय मंत्रालय की ओर से बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित होंगे.