झारखंड फ्री बिजली योजना 2023:बिजली विभाग की लापरवाही, सब्सिडी के लाभ से उपभोक्ता वंचित, कार्रवाई का सता रहा डर
एक तरफ विभाग के अधिकारी उपभोक्ताओं को बकाया जमा करने और ऐसा नहीं होने पर कार्रवाई की बात कहते हैं, वहीं दूसरी तरफ विभाग द्वारा ही मीटर रीडिंग में देरी कर उन्हें सरकारी योजनाओं के लाभ से दूर किया जा रहा है. समय पर बिल जेनेरेट नहीं होने से उपभोक्ताओं में अधिकारियों के प्रति आक्रोश देखा जा रहा है.
देवघर: बिजली विभाग की लापरवाही का खामियाजा बिजली उपभोक्ता भुगत रहे हैं. विभाग द्वारा एजेंसी के जरिये नियुक्त ऊर्जा मित्र पिछले डेढ़-दो माह से काम नहीं कर रहे हैं. मीटर रीडिंग नहीं होने के कारण उपभोक्ताओं को बिजली बिल की जानकारी नहीं मिल पा रही है. इसके साथ ही विभाग द्वारा कार्रवाई का भी डर सता रहा है. घरों का बिजली बिल समय पर जेनेरेट नहीं होने के कारण उपभोक्ता सरकार की सब्सिडी योजना से भी वंचित हो रहे हैं और उन पर बिल का बोझ भी बढ़ रहा है. एक तरफ विभाग के अधिकारी उपभोक्ताओं को बकाया जमा करने और ऐसा नहीं होने पर कार्रवाई की बात कहते हैं, वहीं दूसरी तरफ विभाग द्वारा ही मीटर रीडिंग में देरी कर उन्हें सरकारी योजनाओं के लाभ से दूर किया जा रहा है. समय पर बिल जेनेरेट नहीं होने से उपभोक्ताओं में विभागीय अधिकारियों के प्रति आक्रोश देखा जा रहा है.
समय पर मीटर रीडिंग करने नहीं पहुंचते ऊर्जा मित्र
बताते चलें कि बिजली विभाग की बिलिंग एजेंसी इएमडी इइ डिजिट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड के अंतर्गत देवघर में 72 ऊर्जा मित्र घर-घर जाकर मीटर रीडिंग कर बिल निकालते थे. लंबे समय तक पारिश्रमिक बकाया रहने से आक्रोशित ऊर्जा मित्रों ने बकाया मानदेय भुगतान को लेकर पहले कामा का बहिष्कार किया, फिर वेतन को लेकर विवाद व विभागीय कार्रवाई पर 15-20 ऊर्जा मित्रों ने काम ही छोड़ दिया. वर्तमान में देवघर-जसीडीह इलाके में 52-54 ऊर्जा मित्र ही शेष हैं, जो फिलहाल बिल नहीं निकाल रहे. इससे दो-तीन माह से उपभोक्ताओं के घरों का बिल जेनरेट नहीं हो रहा है.
केस स्टडी-1
रामपुर इलाके में रहने वाली सुशीला देवी का बिजली बिल हजारों रुपये आ गया था. बिल सुधरवाने के लिए बिजली विभाग के कार्यालय के लंबे समय तक चक्कर लगाये. मगर, बिल में सुधार नहीं हो सका. फिर, दो माह से बिल जेनेरेट नहीं होने से उनकी चिंता बढ़ गयी है कि एकसाथ दो माह का बिल निकाला जायेगा तो फिर से अधिक बिल आ जायेगा, तो उसकी राशि कहां से दे सकेंगे. उन्होंने कहा कि विभाग समय-समय पर मीटर की रीडिंग नहीं करता है, जिसका नुकसान उन जैसे उपभोक्ता को उठाना पड़ रहा है.
केस स्टडी-2
सिविल लाइंस इलाके की रहनेवाली सावंती देवी का बिजली बिल दो-ढाई माह से नहीं आया है. जब भी आयेगा, तब एकमुश्त जमा करना पड़ेगा. सावंती देवी का कहना है कि उन्होंने ऊर्जा मित्रों द्वारा रीडिंग नहीं करने को लेकर बिजली विभाग में कई बार शिकायतें भी कीं, लेकिन बावजूद इसके ऊर्जा मित्र रीडिंग करने नहीं आये हैं. ऐसे में एकसाथ बड़ी राशि वे नहीं दे सकेंगी. साथ राज्य सरकार की 100 यूनिट मुफ्त बिजली स्कीम के लाभ से वंचित रह जायेंगी.
केस स्टडी-3
जसीडीह कालीपहाड़ी इलाके की रहने वाली शकुंतला देवी ने कहा कि दो-तीन माह से उनके यहां ऊर्जा मित्र बिजली बिल निकालने नहीं आ रहे हैं. जिस कारण जब बिल आयेगा तो एक साथ बड़ी राशि बिल के रूप में जमा करनी पड़ेगी. मेरी आर्थिक स्थिति इतनी मजबूत नहीं कि एक साथ बिल जमा कर सकें. ऊपर से सरकार की 100 यूनिट मुफ्त बिजली स्कीम के लाभ से भी वंचित रह जायेंगे.
केस स्टडी-4
बैजनाथपुर इलाके में रहने वाले कुमार आनंद ने बताया है कि आखिरी बार फरवरी माह में ऊर्जा मित्र उनके मीटर का बिल निकाल कर गये थे. मगर, दो माह गुजरने को हैं, लेकिन कोई बिल निकालने नहीं पहुंचा. ऐसे में एक साथ बिजली बिल आया तो वे मुख्यमंत्री 100 यूनिट मुफ्त बिजली स्कीम के लाभ से वंचित हो जायेंगे और उन्हें अतिरिक्त आर्थिक बोझ वहन करना पड़ेगा.
100 यूनिट मुफ्त बिजली स्कीम का कैसे मिलता है लाभ
वैसे उपभोक्ता जो 100 यूनिट से कम बिजली उपभोग करते हैं, उनसे केवल रेंटल चार्ज लिया जाता है, उन्हें बिजली बिल नहीं देना होगा. वहीं 400 यूनिट से अधिक बिजली उपभोग करने पर उपभोक्ता को 6.75 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली बिल का भुगतान करना होगा.
क्या कहते हैं सहायक अभियंता
विद्युत अवर प्रमंडल के सहायक अभियंता राजकमल कहते हैं कि कुछ ऊर्जा मित्र बिल नहीं निकाल रहे हैं, जबकि कुछेक इलाकों में बिल जेनरेट हो रहा है. नये लड़कों की नियुक्ति कर बिल निकालने का प्रयास किया जा रहा है. जल्द ही उपभोक्ताओं की समस्या दूर हो कर ली जायेगी. रही बात 100 यूनिट मुफ्त बिजली स्कीम की तो वो प्रत्येक दिन तीन यूनिट के औसत से बिल क्रियेट किया जाता है, जो उसके दायरे में आयेंगे. उन्हें 100 यूनिट फ्री बिजली का लाभ जरूर मिलेगा.