झारखंड : देवघर में बालिका खिलाड़ी से अभद्र व्यवहार, राज्यपाल ने दिए जांच के आदेश, 7 दिन के भीतर मांगी रिपोर्ट
देवघर में बैडमिंटन कोच द्वारा बालिका खिलाड़ी से अभद्र व्यवहार का मामला सामने आने पर राज्यपाल ने जांच के आदेश दिये हैं. जिसके बाद प्रधान सचिव ने DGP को पत्र भेजकर पूछा कि पोक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई क्यों नहीं हुई? मामले में 7 दिनों के अंदर जांच कर इसकी रिपोर्ट राजभवन सचिवालय को भेजने को कहा गया है.
Indecent Behavior with Girl Player: एक तरफ जहां देशभर में बृजभूषण शरण सिंह द्वारा खिलाड़ियों के साथ यौन शोषण के खिलाफ पहलवानों का विरोध और धरना प्रदर्शन चर्चा में है. वहीं दूसरी तरफ देवघर स्थित कुमैठा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बैडमिंटन कोच द्वारा बालिका खिलाड़ी के साथ अभद्र व्यवहार का मामला सामने आया है. इस मामले में झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने संज्ञान लिया है.
सात दिनों के अंदर मांगी गई जांच रिपोर्ट
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने देवघर स्थित कुमैठा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में बैडमिंटन कोच द्वारा बालिका खिलाड़ी के साथ अभद्र व्यवहार मामले में जांच के आदेश दिये हैं. राज्य के डीजीपी अजय कुमार सिंह से पूछा गया है कि इस मामले में पोक्सो एक्ट के तहत अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं हुई है? राज्यपाल ने डीजीपी से किसी वरीय अधिकारी से सात दिनों के अंदर पूरे मामले की जांच कर राज्यपाल सचिवालय को रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया है.
डीजीपी अजय कुमार सिंह को भेजा गया पत्र
राज्यपाल के निर्देश पर प्रधान सचिव नितिन मदन कुलकर्णी ने डीजीपी अजय कुमार सिंह को पत्र भेज कर कहा है कि बैडमिंटन कोच प्रकरण में स्थानीय पुलिस द्वारा प्राथमिकी दर्ज नहीं की गयी, जबकि आवेदक के पास फोन पर बातचीत की रिकार्डिंग उपलब्ध थी. उपायुक्त द्वारा प्रशासनिक कार्रवाई किये जाने के बाद इस मामले में देवघर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गयी, जबकि यह मामला नाबालिग खिलाड़ी के साथ अभद्र व्यवहार से संबंधित था. ऐसे में दर्ज इस प्राथमिकी में पोक्सो एक्ट का भी मामला बनता है. पत्र में कहा गया है कि पोक्सो एक्ट नहीं लगने की स्थिति में पीड़िता को उचित न्याय मिलने की भी संभावना कम है.
क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, देवघर स्थित कुमैठा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में क्रीड़ा किसलय केंद्र के कोच राहुल कुमार साह ने एक बालिका खिलाड़ी के साथ अभद्र बातचीत की. इसका ऑडियो रिकार्डिंग सामने आने के बाद भुक्तभोगी द्वारा प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.