झारखंड के इन कॉलेजों में नियुक्त 50 से ज्यादा कर्मियों की नौकरी खतरे में, जानें इसकी बड़ी वजह
शिक्षकों की बात करें तो विभिन्न कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए 30 से ज्यादा शिक्षक भी कार्यरत हैं. अंगीभूत कॉलेजों से इंटरमीडिएट को हटाये जाने से कर्मचारियों को हटाना होगा
सिदो कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय (Sido Kanhu Murmu University) दुमका के अंगीभूत इकाई देवघर कॉलेज, एएस कॉलेज, आरडीबीएम कॉलेज व मधुपुर कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई को खत्म की जा रही है. नये शैक्षणिक सत्र से नामांकन पर भी कॉलेजों में रोक है. ऐसे में झारखंड अधिविद्य परिषद के द्वारा नियुक्त व कार्यरत देवघर जिले के विभिन्न कॉलेजों में 50 से ज्यादा शिक्षकेतर कर्मचारियों को हटाया जायेगा.
जैक कर्मचारियों की माने तो देवघर कॉलेज में 14 शिक्षकेतर कर्मचारी, एएस कॉलेज में आठ शिक्षकेतर कर्मचारी, आरडीबीएम कॉलेज में छह शिक्षकेतर कर्मचारी व मधुपुर कॉलेज में 25 शिक्षकेतर कर्मचारी कार्यरत हैं. वहीं शिक्षकों की बात करें तो विभिन्न कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई के लिए 30 से ज्यादा शिक्षक भी कार्यरत हैं. अंगीभूत कॉलेजों से इंटरमीडिएट को हटाये जाने से शिक्षकों के साथ शिक्षकेतर कर्मचारियों को हटाना होगा.
क्यों बंद की जा रही है इंटर की पढ़ाई
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत वर्तमान की प्लस टू शिक्षा को नये तरीके से पुनर्गठित किया गया है. नयी शिक्षा नीति में उच्च माध्यमिक कक्षा में नौवीं से 12वीं तक की पढ़ाई को शामिल किया गया है. अंगीभूत कॉलेजों में उच्च माध्यमिक कक्षा में केवल 11वीं व 12वीं पढ़ाई होती है. कॉलेज में स्नातक स्तर से ही कक्षा का संचालन होना है.
62 अंगीभूत कॉलेजों में बंद होगी इंटर की पढ़ाई
बता दें कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की गाइडलाइन और नयी शिक्षा नीति-2020 के तहत राज्य के अंगीभूत कॉलेजों में अब इंटरमीडिएट की पढ़ाई नहीं हो पायेगी. यानी नये सत्र से इन कॉलेजों में इंटरमीडिएट में नये विद्यार्थियों का नामांकन नहीं होगा. हालांकि, इस स्थिति में भी राज्य में इंटरमीडिएट की लगभग 1.5 लाख सीटें खाली रह जायेंगी. फिलहाल, राज्य के 62 कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई हो रही है.