Jharkhand News: देवघर में पशु एंबुलेंस के किराये को लेकर क्यों उठ रहे सवाल?

देवघर में पशु एंबुलेंस के किराये को लेकर सवाल उठने लगे हैं. मरीजों के लिए चल रहे 108 एंबुलेंस के मासिक किराये से डेढ़ गुना अधिक पशु एंबुलेंस का मासिक किराया भुगतान किया जा रहा है.

By Sameer Oraon | December 2, 2024 7:03 AM

संजीव मिश्रा, देवघर : घर-घर जाकर बीमार पशुओं के इलाज के लिए सरकार की ओर से पशु एंबुलेंस की सेवा शुरू की गयी है. इसके अंतर्गत देवघर जिले के हरेक प्रखंड में एक-एक एंबुलेंस की सुविधा दी गयी है, लेकिन पशु एंबुलेंस के किराये को लेकर सवाल उठने लगे हैं. दरअसल, जिले में मरीजों के लिए चल रहे 108 एंबुलेंस के मासिक किराये से डेढ़ गुना अधिक पशु एंबुलेंस का मासिक किराया भुगतान किया जा रहा है. वहीं मिली जानकारी के अनुसार, पशुओं को इलाज की सुविधा ऑन स्पॉट उपलब्ध कराने के लिए इसी सुविधा के साथ यूपी में हर माह 1.10 लाख रुपये के करीब प्रति एंबुलेंस भुगतान किया जा रहा है.

सप्ताह में छह दिन आठ घंटे के लिए ही मिलती है पशु एंबुलेंस की सुविधा

देवघर में जिस तरह आम मरीजों के लिए 108 टोल फ्री नंबर पर एंबुलेंस उपलब्ध होता है, ठीक उसी तरह 1962 टॉल फ्री नंबर पर कॉल करने पर पशु एंबुलेंस की सुविधा दी जा रही है. एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने वाली कंपनी से मिली जानकारी के अनुसार, आम मरीजों के लिए उपलब्ध 108 एंबुलेंस जो कि हर दिन 24 घंटे कार्यरत है, इसके लिए सरकार प्रति एंबुलेंस सभी सुविधा के साथ करीब 1.30 लाख रुपये प्रति माह भुगतान कर रही है. दूसरी ओर पशुओं के लिए शुरू की गयी एंबुलेंस सुविधा जो कि सप्ताह में छह दिन यानी रविवार को छोड़ कर सुबह नौ से शाम पांच बजे तक यानी हर दिन आठ घंटे के लिए 1.65 लाख रुपये प्रति एंबुलेंस भुगतान कर रही है. कंपनी के साथ हुए एकरारनामे में हर एंबुलेंस में कंपनी को एक ड्राइवर, एक पैरावेट स्टाफ तथा एक पशु चिकित्सक आवश्यक दवाइयों के साथ रखना है. हालांकि देवघर जिले के 10 प्रखंडों में से तीन प्रखंड में ही एंबुलेंस के साथ चिकित्सक की सुविधा मिल रही है.

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पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गयी है योजना

किसानों को पशुपालन कर आत्मनिर्भर बनने के लिए राज्य सरकार काफी गंभीर है. इसके लिए अनुदानित दर पर पशुपालन की योजना से लेकर पशुओं के बेहतर इलाज के लिए पशु एंबुलेंस सेवा प्रारंभ की गयी है. इस एंबुलेंस में डॉक्टर सहित पैरावेट मेडिकल स्टाफ की सुविधा रहेगी, जो कॉल आने पर ऑन स्पॉट जाकर पशुओं का इलाज नि:शुल्क करेंगे. बावजूद इसके जिले में पशु चिकित्सकों की कमी के कारण बगैर चिकित्सक के पशु एंबुलेंस चल रही हैं. सारवां, देवीपुर तथा मोहनपुर को छोड़ जिले के अन्य जगहों पर पशु डॉक्टर के नहीं रहने से पशुपालकों को सुविधा नहीं मिल पा रही है.

कंपनी ने जारी किया है 1962 टॉल फ्री नंबर

पशु एंबुलेंस सेवा के लिए विभाग की ओर से जीवीके इएमआर कंपनी के साथ एग्रीमेंट किया गया. कंपनी ने सेवा लेने के लिए टॉल फ्री नंबर 1962 जारी किया है, जो सुबह नौ बजे से लेकर शाम पांच बजे तक काम करता है. रविवार को छोड़ कर अन्य दिनों में यह नंबर कार्यरत है. देवघर जिले को इसके लिए 10 एंबुलेंस उपलब्ध कराये गये हैं.

क्या कहते हैं जिला पशुपालन पदाधिकारी

डॉक्टर की कमी जिले में पहले से ही है. तीन जगह मोहनुपर, सारवां तथा देवीपुर में ही डॉक्टर प्रतिनियुक्त हैं. वहीं एंबुलेंस सेवा में सभी सुविधा कंपनी को देनी है. डॉक्टर की सुविधा नहीं रहने की जानकारी के बारे में विभाग को लिखित रूप से अवगत भी करा दिया गया है.

पीके स्वाईं, प्रभारी जिला पशुपालन पदाधिकारी

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