Jharkhand News (देवघर) : झारखंड के देवघर-सारवां NH पर बलिया चौकी स्थित झारखंडी मोड़ के समीप तेज गति से जा रही स्कूटी एक पेड़ से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गयी. इस घटना में स्कूटी सवार चचेरी भाई-बहन की मौत हो गयी. मृतक ऋषभ राज (17 वर्ष) राजेश्वर वर्मा का इकलौता पुत्र था, जो भागलपुर के सबौर कॉलेज में स्नातक पार्ट वन में पढ़ता था. वहीं, मृतका तान्या (14 वर्ष) ऋषभ के चाचा राकेश्वर प्रसाद वर्मा की बड़ी पुत्री थी, जो मध्य विद्यालय झारखंडी में छठी कक्षा में पढ़ती थी. वर्मा परिवार मूल रूप से बिहार के भागलपुर जिला अंतर्गत सबौर थाना के फतेहपुर गांव का रहने वाला है. ऋषभ के पिता सबौर में व तान्या के पिता देवघर के निजी संस्थान में काम करते हैं.
दोनों के पिता मिलकर कुंडा थाना क्षेत्र के बलिया चौकी बस स्टॉप के समीप नावाडीह गांव में जमीन लेकर मकान का निर्माण करा रहे थे. राजेश्वर अपने पुत्र ऋषभ के साथ नवनिर्मित मकान में दीपावली के दिन दीप जलाने पहुंचे थे. गुरुवार की रात दीया जलाने के बाद सभी भोजन कर सो गये. शुक्रवार की सुबह ऋषभ व तान्या उठे व नयी इलेक्ट्रिक स्कूटी लेकर घर से झारखंडी मध्य विद्यालय के लिए निकले अौर कुछ दूर जाते ही स्कूटी वाहन असंतुलित होकर सड़क किनारे पेड़ से जा टकारायी.
टक्कर इतनी तेज थी कि इसकी आवाज सुन आसपास के ग्रामीण घटनास्थल की अोर दौड़े. इस दौरान उन दोनों को दूर झाड़ी में गिरा पाया. दुर्घटना में ऋषभ की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी, जबकि स्थानीय लोगों की मदद से घायल अवस्था में तान्या को उठा कर इलाज के लिए सदर अस्पताल पहुंचाया. जहां चिकित्सक ने उसे मृत घोषित कर दिया. दुर्घटना में स्कूटी क्षतिग्रस्त हो गया था.
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इधर, स्थानीय लोगों की सूचना पर कुंडा थाना के एसआइ संतन यादव व पूर्व मुखिया दिनेश मंडल सदलबल वहां पहुंचे व मामले की छानबीन कर बच्चों के अभिभावकों को ढांढस बंधाया. उधर, सदर अस्पताल में परिजनों के अनुरोध पर बिना पोस्टमार्टम कराये ही परिजन शव को वापस घर ले गये. घटना के बाद दोनों बच्चों का शव घर पहुंचने पर परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था.
झारखंडी मोड़ के समीप कई बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी है. उस स्थल पर तकनीकी खामियां है, जिसे दुरुस्त किया जाना जरूरी है. इससे पूर्व मधुपुर के एक जाने-माने चिकित्सक का पूरा परिवार यहां दुर्घटना का शिकार होकर चुका है. वहीं, सामान्य दिनों में यहां छोटी-छोटी घटनाएं होती रहती है.
NH द्वारा रोड बनाने में तकनीक का ख्याल नहीं रखा गया है. संवेदक द्वारा आनन-फानन में सड़क बना दी गयी है. सड़क के किनारे बड़े-बड़े वृक्ष लगे हुए हैं, जो घटना को आमंत्रित करते रहते हैं. बलिया चौकी से घाट घर के समीप करीब एक किलोमीटर से अधिक की दूरी पर सड़क किनारे फॉरेस्ट क्लियरेंस के बगैर सड़क निर्माण कर दिया गया है. साथ ही घटनास्थल पर कर्व में ज्योमैट्रिक डिफिसीऐंसी की कमी रहने के कारण तेज गति से वाहन को मोड़ने के क्रम में ऐसी घटनाएं हो रही है. एप्रोच पथ को भी सही रूप से नहीं जोड़ा गया है. इस सड़क में तितमोह के पास एक संकीर्ण पुलिया है, जिस पर सेफ्टी गार्ड भी नहीं बनाया गया है, जो हमेशा दुर्घटना को हमेशा से आमंत्रित करती है.
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कांग्रेस नेता दिनेश कुमार मंडल ने घटना पर दुख जताया है. साथ ही कहा कि देवघर से घाटघर के बीच एक्सीडेंट जोन बन गया है. जिला प्रशासन से मांग है कि अविलंब सड़क किनारे से पेड़ों को हटाया जाये. साथ ही सड़क निर्माण में तकनीकी खामियों को दूर कर सड़क पर आवागमन को सुरक्षित बनाया जाये. छोटे-छोटे बच्चों को ध्यान में रखते बलियाचौकी हटिया के पास रोड सेफ्टी के जरिये स्पीड ब्रेकर बनाया जाये.
Posted By : Samir Ranjan.