झारखंड : किशन पटनायक के स्मृति दिवस पर समाजवादियों ने लिया मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प
किशन पटनायक के साथ काम करने वाले कई साथियों ने उनके साथ बिताए पलों को याद किया. वक्ताओं ने लोकतंत्र, संविधान एवं संवैधानिक संस्थानों को बचाने के लिए समाजवादियों से आगे आने का आह्वान किया. सबने कहा कि देश, संविधान और लोकतंत्र बचाने के लिए आरएसएस, बीजेपी और नरेंद्र मोदी सरकार को उखाड़ फेंकना होगा.
देश के बड़े समाजवादी चिंतक रहे किशन पटनायक के 19वें स्मृति दिवस पर झारखंड के संताल परगना स्थित मिहिजाम में केवटजाली के गांधी आश्रम में समाजवादियों का महाजुटान हुआ. देश भर से जुटे समाजवादियों ने एक बार फिर पूरी ताकत से समतामूलक समाज के निर्माण का संकल्प दोहराया. ‘वर्तमान परिस्थिति में किशन जी के विचार’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में वक्ताओं ने समता समाज के बिछड़े साथियों को एक मंच पर लाने का प्रस्ताव रखा. कार्यक्रम का आयोजन बदलाव फाउंडेशन एवं समता संपर्क अभियान के संयुक्त तत्वाधान में हुआ. इसमें मध्यप्रदेश, ओडिशा, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली समेत कई राज्यों के वक्ताओं ने कहा कि पटनायक के विचारों से प्रेरित होकर हजारों लोग संगठन से जुड़े थे, वे सभी आज छटपटाहट में हैं. सभी चाहते हैं कि पटनायक के सपनों का भारत बने, सामाजिक न्याय, स्वतंत्रता, सांप्रदायिक सदभाव, समतामूलक समाज का निर्माण हो. देश मे बढ़ रही अमीरी-गरीबी की खाई को कैसे मिटाया जाए, इस पर भी विमर्श हुआ.
संघ, बीजेपी और मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने का संकल्प
किशन पटनायक के साथ संगठन में काम करने वाले कई साथियों ने उनके साथ बिताए पलों को याद किया एवं संस्मरणों को साझा किया. वक्ताओं ने लोकतंत्र, संविधान एवं संवैधानिक संस्थानों को बचाने के लिए समाजवादियों से आगे आने का आह्वान किया. सबों ने एक स्वर में कहा कि देश, संविधान और लोकतंत्र बचाने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस), भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और नरेंद्र मोदी सरकार को उखाड़ फेंकना होगा. किशन पटनायक की जीवन संगिनी वाणी मंजरी दास मुख्य वक्ता थीं. उन्होंने कहा कि सत्ता में शामिल समाजवादियों के विचारों में आए फिसलन पर दुःख जताया. वर्तमान सरकार के क्रियाकलापों पर आक्रोश व्यक्त किया.
वाणी मंजरी ने किशन पटनायक के संघर्षों को याद किया
वाणी मंजरी दास ने कहा यह महात्मा गांधी, राम मनोहर लोहिया, जयप्रकाश नारायण और किशन पटनायक का देश है. किशन पटनायक और उनके संघर्षों को भी उन्होंने याद किया. उन्होंने बाल गंगाधर तिलक की मृत्यु के बाद उनकी पत्नी के जीवन में आए दुःखों और उनके संघर्षों को भी साझा किया. वाणी मंजरी ने बताया वो ओडिशा में पूर्ण शराबबंदी को लेकर एक बड़े आंदोलन की तैयारी चल रही है. कार्यक्रम में झारखंड की आदिवासी महिला संगठन के प्रतिनिधियों ने भी अपने संघर्षों से समाजवादियों को अवगत कराया.
कार्यक्रम में ये लोग भी हुए शामिल
कार्यक्रम का संचालन अजय खरे एवं अध्यक्षता समाजवादी चिंतक पूर्व विधायक प्रो सूर्यदेव त्यागी ने किया. प्रमुख वक्ताओं में बजरंग सिंह, सरस्वती दुबे, मुकेश कुमार, अमोल बजाज, महेश, केबी सहाय, धरणीधर, दिलीप दुबे, शिवजी सिंह, रामजन्म सिंह, बजरंग सिंह, राजेश दुबे, आशा राठौड़ और अन्य शामिल थे.