Jharkhand News: बाबा मंदिर के अलावा देवघर में यहां भी उमड़ती है श्रद्धालुओं की भीड़, जानें इसका इतिहास
नौलखा मंदिर मुख्य मंदिर से करीब 1.5 किमी की दूरी पर स्थित है. राधा कृष्ण को समर्पित इस मंदिर की ऊंचाई 146 फीट है. इस मंदिर के नामकरण के पीछे बेहद दिलचस्प कहानी है. कहा जाता है कि इस मंदिर के निर्माण में 9 लाख रुपये खर्च हुए थे.
देवघर के बाबा मंदिर की कहानी और इससे जुड़ी मान्यताएं आज किसी से छिपी नहीं है. श्रावण मास में हर साल श्रद्धालुओं की भीड़ यहां पर उमड़ती है. बाबा मंदिर मंदिर परिसर में यहां 21 छोटे छोटे मंदिर हैं. लेकिन देवों की इस नगरी में केवल बाबा मंदिर ही दार्शनिक स्थल नहीं है. यहां पर और भी कई मंदिर हैं जो अपने आप में बेहद ऐतिहासिक है. इन्हीं में से एक है देवघर का नौलखा मंदिर.
जो मुख्य मंदिर से करीब 1.5 किमी की दूरी पर स्थित है. राधा कृष्ण को समर्पित इस मंदिर की ऊंचाई 146 फीट है. इस मंदिर के नामकरण के पीछे बेहद दिलचस्प कहानी है. कहा जाता है कि इस मंदिर के निर्माण में 9 लाख रुपये खर्च हुए थे. ये मंदिर पश्चिम बंगाल के पथुरिया घाट राजा के परिवार की रानी चारूशिला द्वारा बनवाया गया था. कहा तो ये भी जाता है कि रानी अपने पति और बच्चे की मौत का शोक मना रही थी इसी वजह से संत बालानंद बह्माचारी ने उन्हें इस मंदिर के निर्माण की सलाह दी थी.
यह मंदिर बेलूर के राधा कृष्ण मंदिर से काफी मिलता जुलता है. इसे देखने के लिए लाखों की तदाद में सैलानियों की भीड़ उमड़ती है. इस मंदिर के बनावट और आसपास के इलाके की खूबसूरती ऐसी है जो लोगों को अपनी ओर खींचती है. आपको बता दें कि इस मंदिर में राधा कृष्ण के मूर्ति के अलावा संत बालानंद बह्माचारी की भी मूर्ति है.
कैसे पहुंचे इस स्थान पर
नौलखा मंदिर शहर से मात्र 2 किमी की दूरी पर स्थित है. जहां आप जसीडीह या देवघर से टैक्सी, ऑटो या बस लेकर आ सकते हैं. जसीडीह से इस मंदिर की दूरी 9 किमी है. इसके आस पास रुकने के लिए कई होटल मौजूद हैं. मंदिर में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं लगता है. हालांकि मंदिर के अंदर की तस्वीर लेने की अनुमति नहीं है. मंदिर का इलाका बड़ा होने के कारण अपने साथियों के साथ क्वालिटी समय बीताने के लिए यह एक बेहतरीन जगह है.