14.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jharkhand Village Story: झारखंड का एक गांव, जो वर्षों से है वीरान, ये है वजह

झारखंड में एक गांव है, जहां 199 एकड़ जमीन रहने के बावजूद पूरे गांव में एक मकान तक नहीं है. कोई इस जमीन पर मकान की नींव तक नहीं खोदना चाहता. लोग केवल जमीन पर खेती करते हैं. मौत के खौफ से ये इलाका वीरान है.

देवघर: एक-एक इंच की जमीन के लिए लोग एक दूसरे की जान ले लेते हैं. जमीन विवाद को लेकर अक्सर बड़ी घटनाएं हो जाती हैं, लेकिन झारखंड में एक गांव है, जहां 199 एकड़ जमीन रहने के बावजूद पूरे गांव में एक मकान तक नहीं है. कोई इस जमीन पर मकान की नींव तक नहीं खोदना चाहता. लोग केवल जमीन पर खेती करते हैं. अंधविश्वास ये है कि यहां मकान की नींव डालने पर घर में किसी की मृत्यु हो जाती है. यही वजह है कि ये इलाका वीरान है. पढ़िए अमरनाथ पोद्दार की रिपोर्ट.

199 एकड़ में एक झोपड़ी तक नहीं

झारखंड के देवघर जिले के मठेया गांव में कुल 199 एकड़ जमीन वीरान पड़ी हुई है. इस गांव की जमीन के मालिक पड़ोस में कटवन गांव में अपने पैतृक जमीन पर रहते हैं, लेकिन रोड के उस पार मात्र 15 फीट दूर मठेया गांव में कोई गाय का खटाल तक बनाने को तैयार नहीं है. इसके पीछे अंधविश्वास है. गांववालों के अनुसार मठेया गांव में उनके पूर्वजों से ही कोई मकान नहीं बनाता है. कहा जाता है कि अगर यहां मकान की नींव भी डालते हैं तो उनके घर में किसी की मृत्यु हो जाती है. मृत्यु के इस भय और अंधविश्वास के कारण इस गांव में कोई झोपड़ी तक बनाने को तैयार नहीं है. हालांकि घर बनाने के बाद उनके पूर्वज में किसकी मृत्यु हुई है, यह भी गांव वालों को पता नहीं है, लेकिन वर्षों से चले आ रहे इस अंधविश्वास और भय के कारण लोग इससे बाहर नहीं निकल पाए.

Also Read: झारखंड का एक गांव, जिसका नाम था आपत्तिजनक, बताने में ग्रामीणों को आती थी काफी शर्म, अब बेहिचक बताते हैं ये नाम

आबादीविहीन गांव है

मठेया गांव के कई जमीन मालिकों को सरकार से प्रधानमंत्री आवास भी स्वीकृत हुआ है, लेकिन वे लोग कम जमीन होने के बाद भी प्रधानमंत्री आवास गांव में ही बना रहे हैं. मठेया में पर्याप्त जमीन होने के बावजूद घनी आबादी में ही रहने को तैयार हैं, लेकिन मात्र 15 फीट दूर मठेया गांव में घर नहीं बनाना चाहते हैं. हालांकि इस गांव में 199 एकड़ जमीन पर वे सालोंभर खेती जरूर करते हैं. बड़ा तालाब में सिंचाई की सुविधा होने की वजह से सालोंभर धान, गेहूं और सब्जी की खेती होती है. शाम होने से पहले सभी किसान खेतों को खाली कर वापस अपने बगल के गांव कटवन लौट जाते हैं. कोई यहां रात में नहीं रुकता है.

Also Read: झारखंड में है एक ऐसा गांव, जिसका नाम बताने में ग्रामीणों को आती है काफी शर्म, सुनते ही हंस पड़ेंगे आप

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें