कुशी अमावस्या पर तोड़ा कुश, किया गया तर्पण

अमावस्या तिथि पर लोगों ने कुश तोड़ा और शिवगंगा तट पर तर्पण किया.

By Prabhat Khabar News Desk | September 2, 2024 7:28 PM

संवाददाता, देवघर :

भाद्रपद मास अमावस्या तिथि पर लोगों ने कुश तोड़ा. इसे कुशी अमावस्या भी कहा जाता है. परंपरा के अनुसार, लोग सबसे पहले सुबह उठकर आसपास के गांव की ओर निकल पड़े. इस दौरान सारवां, त्रिकुट पहाड़, घोरमारा जंगल, डिगरिया पहाड़, सहारा जंगल, हरिलाजोड़ी, करनकोल आदि जगहों पर कुश तोडा. इसके बाद सभी लोगों ने कुश तोड़कर अपने घर लौटे व सुविधानुसार किसी ने घर में तो किसी ने शिवगंगा में जाकर तर्पण किया. इस संबंध में मंदिर स्टेट पुरोहित श्रीनाथ पंडित ने बताया कि भादो अमावस्या में कुश तोड़ने की परंपरा रही है. इस दिन लोगों के द्वारा अपने कुल पुरोहित से कुश का निर्मित कर तर्पण करते हैं. यह कुश पूरे एक साल तक अपने घर में रखेंगे. यह पूजा-पाठ समय का इस्तेमाल में लाया जायेगा.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version