देवघर : बाघमारा स्थित 40 करोड़ के इंटरस्टेट बस टर्मिनल (आइएसबीटी) के मुकाबले ट्रैफिक व्यवस्था में प्राइवेट बस स्टैंड काफी पीछे है. 20 एकड़ भूमि क्षेत्र में फैले आइएसबीटी में 109 बसों को एक साथ खड़ी करने की क्षमता के साथ-साथ जैसे ही यहां से बसें बाहर निकलेंगी, तो सीधे बाइपास होते हुए देवघर से बाहर निकल जायेंगी. आइएसबीटी के आसपास मोड़ पर ट्रैफिक लोड कम रहने से जाम लगने की संभावना भी नहीं है. यात्री समय पर अपने गंंतव्य स्थान पर पहुंच पायेंगे. अगर प्राइवेट बस स्टैंड को बाघमारा आइएसबीटी में शिफ्ट कर दिया जाये, तो प्राइवेट बस स्टैंड के पास बसों को मोड़ने की वजह से जाम में फंसने वाली अन्य छोटे वाहनों को भी जाम से मुक्ति मिलेगी. प्राइवेट बस स्टैंड डेढ़ एकड़ भूमि पर ही सिमटा है, जिस कारण यहां सभी बसें खड़ी नहीं हो पाती हैं. बमुश्किल 30 बसें ही यहां एक साथ लगती हैं, यही वजह है कि रोजाना एक दर्जन से अधिक बसें स्टैंड के बाहर रोड पर लगी रहती हैं. रोड से ही खलासी बुला-बुलाकर पैसेंजर बैठाते हैं.
हजारीबाग, रांची व गिरिडीह होकर भागलपुर व सिलीगुड़ी तक जाने वाली बसें तो देवघर के प्राइवेट बस स्टैंड के बाहर सड़कों पर लगा दी जाती हैं. साथ ही दुमका व बासुकिनाथ से आने वाले भी अधिकतर बसों को भी प्राइवेट बस स्टैंड के बाहर सारवां रोड पर लगाना पड़ता है. सड़क पर बसें लगने की वजह से स्कूल व ऑफिस के समय अक्सर जाम लग जाता है. स्कूली बसें काफी देर तक जाम में फंसी रहती हैं. सबसे अधिक जाम की स्थिति नगर भवन से लेकर मंदिर मोड़ तक रहती है. इसी जगह जाम में एक बार एंबुलेंस फंस गयी थी व एक मरीज की जान तक चली गयी थी. एसपी ने नगर आयुक्त को भेजी अपनी रिपोर्ट में नगर भवन से मंदिर मोड़ तक अक्सर लगने वाली जाम के कारण कम जगह में बसों का परिचालन भी बताया है.
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