झारखंड: जमीन विवाद में रिटायर्ड फौजी की पीट-पीटकर हत्या मामले में 12 दोषियों को उम्रकैद, 90-90 हजार जुर्माना

प्राथमिकी के अनुसार सरकार से मिली जमीन पर फौजी अपना घर बनवा रहे थे व अपने ड्राइवर सुनील कुमार यादव के साथ कार से निर्माण कार्य का जायजा लेने पहुंचे थे. इस दौरान जमीन विवाद को लेकर आरोपियों ने हरवे -हथियार से लैस होकर रिटायर्ड फौजी को घेरा व उनकी कार में आग लगा दी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 22, 2023 8:31 PM
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देवघर, फाल्गुनी मरीक कुशवाहा. देवघर के जसीडीह थाना के शंकरी गांव में जमीन को लेकर हुए विवाद में रिटायर्ड फौजी दिवाकर झा पर लाठी व रॉड से हमला कर पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में एडीजे (दो) संजीव भाटिया की अदालत ने 12 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनायी और 90-90 हजार रुपये का जुर्माना लगाया. यह घटना 25 जुलाई 2014 को घटी थी और चालक के बयान पर जसीडीह थाना में कांड संख्या 177/2014 दर्ज किया गया था. इसमें लक्ष्मी नारायण दास, श्याम रमानी, संदीप रमानी, भैरो रमानी, निताय रमानी, सरस्वती देवी, राजू रमानी, प्रमोद रमानी, बबुआ राम, धनंजय वर्मा, मनु रमानी व मनोज रमानी को आरोपी बनाया गया था. सभी आरोपी जसीडीह के शंकरी गांव के रहनेवाले हैं.

प्राथमिकी के अनुसार सरकार से मिली जमीन पर फौजी अपना घर बनवा रहे थे व अपने ड्राइवर सुनील कुमार यादव के साथ कार से निर्माण कार्य का जायजा लेने पहुंचे थे. इस दौरान जमीन विवाद को लेकर आरोपियों ने हरवे -हथियार से लैस होकर रिटायर्ड फौजी को घेरा व उनकी कार में आग लगा दी. इसी क्रम में रिटायर्ड फौजी को लाठी व रॉड के प्रहार से घटनास्थल पर ही मार डाला व निर्माणाधीन घर की दीवार भी तोड़ दी थी. इसी क्रम में मोबाइल व एटीएम कार्ड भी छीन लिये थे. केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने अनुसंधान पूरी कर आरोप पत्र दाखिल की. केस कमिट कर सेशन ट्रायल के लिए पीडीजे की अदालत में भेजा गया. पीडीजे की अदालत द्वारा केस ट्रायल के लिए एडीजे दो सह विशेष न्यायाधीश संजीव भाटिया की अदालत में भेजा गया.

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इस अदालत में अभियोजन पक्ष से 10 लोगों की गवाही प्रभारी लोक अभियोजक शिवाकांत मंडल ने दिलायी एवं दोष सिद्ध करने में सफलता पायी. सूचक की ओर से अधिवक्ता राजकुमार शर्मा भी सहयोगी के तौर पर थे. इस मामले में कुल 13 लोगों को नामजद आरोपी बनाया गया था, जिसमें ट्रायल की अवधि में एक आरोपी मनु दास की मौत हो जाने से उनका नाम मुकदमा से हटा दिया गया. सभी 12 दोषियों को सश्रम उम्रकैद की सजा सुनायी गयी. साथ ही हरेक को 90 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया. यह राशि नहीं देने पर अलग से दो साल की सश्रम सजा काटनी होगी.

लक्ष्मी नारायण दास, श्याम रमानी, संदीप रमानी, भैरो रमानी, निताय रमानी, सरस्वती देवी, राजू रमानी, प्रमोद रमानी, बबुआ राम, धनंजय वर्मा, मनु रमानी व मनोज रमानी को सजा सुनायी गयी है.

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