ला-ओपाला ने मधुपुर का ओपल डिवीजन कारखाना किया बंद, कामगारों में आक्रोश
ला-ओपाला आरजी लिमिटेड का मधुपुर में चल रहा ओपल डिवीजन का कारखाना रविवार से बंद हो गया है. प्रबंधन ने इसकी आधिकारिक घोषणा की.
मधुपुर.
दुनियाभर में अपनी डिनर सेट से पहचान बना चुके ला-ओपाला आरजी लिमिटेड का मधुपुर में चल रहा ओपल डिवीजन का कारखाना रविवार से बंद हो गया है. प्रबंधन ने फैक्टरी के गेट पर नोटिस लगाकर इसकी आधिकारिक घोषणा की. ओपल डिवीजन बंद होने की खबर मिलते ही यहां काम करने वाले कामगारों में आक्रोश फैल गया. इस डिवीजन से 281 कामगारों की रोजी-रोटी चल रही थी. कारखाना के मजदूर यूनियन के अध्यक्ष राजेंद्र शर्मा व सचिव अंसार अली, उपाध्यक्ष मो सिराज समेत अन्य कामगारों ने कारखाना अचानक बंद करने पर विरोध जताया है. यूनियन ने कहा कि इससे सैकड़ों मजदूरों की रोजी-रोटी चली जायेगी. अविलंब कारखाना चालू नहीं हुआ तो वे लोग आंंदोलन के लिए बाध्य होंगे. इधर, ला-ओपाला प्रबंधन ने इस निर्णय के पीछे कई वजहाें का हवाला दिया है, जिनमें यूनियन और मजदूरों द्वारा विवाद कर माहौल खराब करने व जानबूझकर उत्पादन कम करने आदि की बातें कही है. ला-ओपाला आरजी लिमिटेड के पीआरओ हेमंत नारायण सिंह ने बताया कि कारखाना पुराने अप्रचलित, अर्द्ध-स्वचालित तकनीक से संचालित होता है. वर्तमान में ओपल वेयर का उत्पादन भारत या विश्व में इस पुरानी तकनीक से नहीं हो रहा है. पुरानी तकनीक से उत्पादन की गुणवत्ता निम्न स्तर की होती है और लागत अधिक व बिक्री मूल्य कम होने के कारण बाजार के प्रतिस्पर्धा में प्रोडक्ट नहीं टिक पा रहा है. निम्न गुणवत्ता के कारण बाजार से काफी शिकायतें भी आ रहीं हैं. इस कारण कुछ वर्षों से बिक्री में भारी गिरावट आयी है. व्यापारियों को अत्यधिक छूट देने के बावजूद उत्पादों को बेचना अत्यंत कठिन हो गया है. मजदूरों की न्यूनतम मजदूरी की दरों में पिछले मार्च 2024 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी, कच्चे मालों और सभी इनपुट की दरों में अत्यधिक वृद्धि के कारण उत्पादन लागत के मूल्य में असामान्य बढ़ोतरी हो गयी है. पूर्व में यूनियन और मजदूरों द्वारा समय-समय पर अवांछित विवाद किया गया. कई बार जानबूझकर उत्पादन में गिरावट की गयी. कार्यस्थल पर विवाद से खराब माहौल पैदा किया गया, जिस कारण जुलाई 2001 और मई 2017 को कारखाना में लाॅक आउट करना पड़ा. मजदूर व यूनियन को समझाने की बार-बार कोशिश के बावजूद गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं हुआ. बाजार में प्रोडक्ट नहीं बिकने के कारण 1987 से संचालित कारखाना के अस्तित्व को बचाना संभव नहीं रह गया है. विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए कारखाना प्रबंधन ने सात जुलाई 2024 से ओपल डिवीजन में कार्य स्थगन की घोषणा कर दिया. इसकी सूचना जिला उपायुक्त, एसपी, एसडीओ, श्रम विभाग के पदाधिकारी, राधा ग्लास मजदूर यूनियन समेत संबंधित पदाधिकारी को दे दिया गया है. कारखाना में दो डिवीजन के तहत उत्पादन होता आया है. वर्तमान में क्रिस्टल डिविजन करीब 200 मजदूरों के सहयोग से निरंतर चलता रहेगा. क्रिस्टल डिवीजन को और अपग्रेड किया जायेगा. ओपल डिवीजन में कार्यरत 281 मजदूरों को कारखाना प्रबंधन नियम के तहत सभी विवादों का निबटारा करते हुए समुचित मुआवजा उपलब्ध करायेगी. ——————————————————————————प्रबंधन ने गेट पर लगाया नोटिस, डिवीजन के 281 मजदूरों की रोजी पर संकटकंपनी के अनुसार यूनियन और मजदूरों द्वारा अवांछित विवाद से उत्पादन पर पड़ा असरपुरानी अप्रचलित, अर्द्ध-स्वचालित तकनीक से गुणवत्ता खराब, डिमांड कम होनी भी वजहकंपनी ने मजदूरों को कारखाना प्रबंधन नियम के तहत मुआवाज देने का दिया भरोसा
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