दवा व्यवसायी की निर्मम हत्या मामले में कोर्ट ने दोषी को उम्र कैद की सुनायी सजा
मधुपुर व्यवहार न्यायालय के एडीजे वन ने 2109 में दवा व्यवसायी की निर्मम हत्या के दोषी युवक को उम्र कैद की सजा सुनायी है. वहीं कोर्ट ने 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है.
मधुपुर . व्यवहार न्यायालय में एडीजे वन श्याम नंदन तिवारी के कोर्ट ने मंगलवार को शहर के पनाहकोला निवासी दवा व्यवसायी उमेश मिश्रा की तलवार से निर्मम हत्या व उन्हें बचाने आये उसके पुत्र ज्ञानेश पर जानलेवा हमला मामले में दोषी पाये गये पनाहकोला के हुमायूं अंसारी को उम्र कैद की सजा सुनायी. वहीं 50 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है. जुर्माना नहीं अदा करने पर छह माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा सुनायी गयी है. उन्हें भादवि की तीन धाराओं में दोषी पाते हुए सजा सुनायी गयी है. धारा 302 में उम्र कैद के अलावा भादवि की धारा 307 में 10 वर्ष के कारावास व 25 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाायी है, मामले में भादवि की धारा 450 के तहत 25 हजार जुर्माना भी किया गया है. तीनों ही सजा में जुर्माना नहीं देने पर छह माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा सुनायी गयी है. बताया गया कि सभी सजा एक साथ चलेगी. सहायक लोक अभियोजक व विपक्षी अधिवक्ताओं की दलील सुनने और गवाहों के बयान के बाद न्यायालय ने यह सजा सुनायी.
व्यवसायी की हत्या के बाद कार्रवाई की मांग को लेकर बंद रहा था मधुपुर
शहर के पनाहकोला स्थित दवा व्यवसायी उमेश चंद्र मिश्र (56 वर्ष ) की दुकान सह घर में घुस कर आरोपी ने तलवार से हमला कर पिछले 27 दिसंबर 2019 की शाम को उनकी निर्मम ढंग से हत्या कर दी थी. उमेश को बचाने आये बेटे 19 वर्षीय ज्ञानेश पर भी जानलेवा हमला किया था, जिसके बाद हमलावर हुमायूं अंसारी को पुलिस ने नाटकीय ढंग से धनबाद के निरसा से गिरफ्तार किया था. आरोप था कि हुमायूं ने लूट की नीयत से घटना को अंजाम दिया था. घटना के बाद शहर के दर्जनों आक्रोशित लोगों ने उमेश के शव के साथ डालमिया कूप के निकट एनएच-114 ए रखकर गिरिडीह-मधुपुर पथ को जाम भी कर दिया था, साथ ही दूसरे दिन भी लोगों ने शहर में बंद व प्रदर्शन किया था.
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