विधि संवाददाता, देवघर : मोहनपुर थाना के खूंटाबांध गांव निवासी नंदकिशोर दास के माथे पर टांगी से जानलेवा हमला कर गंभीर रूप से जख्मी करने के मामले में एडीजे तृतीय सह स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत में चल रहे सेशन ट्रायल केस संख्या 62/2017 सरकार बनाम टेकलाल दास व अन्य की सुनवाई पूरी की गयी. मामले में कोर्ट ने एक आरोपी टेकलाल दास को हत्या का प्रयास मामले में दोषी पाकर सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. साथ ही 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया. वहीं इसी मामले में दोषी टेकलाल दास के चार सहयोगियों शंभु दास, लखन दास, सोनिया देवी व हीना देवी को दोषी पाकर सात-सात वर्ष की सश्रम सजा सुनायी गयी. अदालत ने इन चारों को पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. जुर्माने की राशि सजायाफ्ता टेकलाल अगर अदा नहीं करता है, तो अलग से तीन साल की सजा काटनी होगी. जबकि अन्य चारों दोषियों को जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर अलग से एक साल तक जेल में रहना होगा. सजा पाने वालों में सभी अभियुक्त मोहनपुर थाना के खूंटाबांध गांव के तथा एक अभियुक्त शंभु दास मोहनपुर थाना के रोपनी गांव का रहने वाला है. यह मुकदमा नुनेश्वर दास के बयान पर मोहनपुर थाना में 10 अगस्त 2016 को दर्ज हुआ था, जिसमें नंदकिशोर दास के माथे पर टांगी से जानलेवा हमला कर गंभीर रूप से जख्मी करने, घेर कर मारपीट करने समेत कई आरोप लगाये गये थे. मामला दर्ज करने के बाद पुलिस ने चार्जशीट दाखिल किया, पश्चात केस का ट्रायल स्पेशल कोर्ट में चला, जिसमें अभियोजन पक्ष से आठ लोगों ने गवाही दी.अभियाेजन पक्ष से विशेष लोक अभियोजक शिवाकांत मंडल ने पक्ष रखा और दोष सिद्ध कराने में सफल रहा, जबकि बचाव पक्ष से अधिवक्ता गोपाल शर्मा व ओम प्रकाश सिन्हा ने पक्ष रखा, लेकिन दोषमुक्त कराने में विफल रहे. कोर्ट ने सभी अभियुक्तों को जानलेवा हमला कर गंभीर रूप से जख्मी करने के अलावा अन्य धाराओं में भी दोषी पाया व अलग-अलग सजाएं सुनायी. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. इस मामले में सात साल संघर्ष के बाद जख्मी व सूचक को न्याय मिला.क्या था मामला दर्ज मुकदमा के अनुसार खूंटाबांध गांव में आपसी विवाद खत्म करने को लेकर बातचीत चल रही थी. इसी दौरान नंदकिशोर दास व नुनेश्वर दास के साथ उपरोक्त पांचों लागों ने मारपीट शुरू कर दी. इस दौरान टेकलाल दास के हाथ में टांगी थी और झगड़ा के दौरान नंदकिशोर दास के माथे पर जोरों से वार कर दिया था. इससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया व टांगी माथे में फंसी रह गयी. इलाज के लिए जख्मी को देवघर सदर अस्पताल लाया गया, जहां से रेफर कर दिया गया. माथे में टांगी करीब एक सप्ताह तक फंसी रही तथा नंदकिशोर जीवन-मौत से जुझते रहे. कई अस्पताल का चक्कर लगाने के बाद कोलकाता ले गये, जहां पर चिकित्सकों ने बड़ी मशक्कत के बाद माथे से टांंगी निकाला. इसके बाद जख्मी की जान तो बच गयी, लेकिन जख्म के चलते दोनों आंखों की रोशनी चली गयी एवं दिमाग भी काम नहीं करने लगा. सोचने की क्षमता लगभग शून्य हो गयी. —————————– – एडीजे तीन सह स्पेशल जज पॉक्सो एक्ट राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत से आया फैसला -एक को 10 हजार तथा अन्य चार दोषियों को पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया – जख्मी के माथे से एक सप्ताह के बाद काेलकाता में चिकित्सकाें ने निकाली थी टांगी – बच गयी जान, लेकिन चली गयी आंखों की रोशनी व दिमाग भी हो गया शून्य ————————– इन्हें मिली सजा नाम पता सजा टेकलाल दास खूंटाबांध, मोहनपुर सश्रम उम्रकैद शंभु दास रोपनी, मोहनपुर सात वर्षलखन दास खूंटाबांध, मोहनपुर सात वर्ष -सोनिया देवी खूंटाबांध, मोहनपुर सात वर्ष -हीना देवी खूंटाबांध, मोहनपुर सात वर्ष
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