देवघर सदर अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग से करोड़ों के उपकरण मुहैया कराये गये हैं, जिसके बावजूद मरीजों को लाभ नहीं मिल पा रहा है. सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं मिलने से मरीजों को बाहर के जांच घरों में मोटी रकम खर्च करनी पड़ रही है. इससे उनका आर्थिक दोहन भी हो रहा है. सदर अस्पताल के अपने अल्ट्रासाउंड मशीन का रेजोल्यूशन सही नहीं है, जिससे यहां तस्वीर साफ नहीं आती. वहीं, पीपीपी मोड पर चलने वाले अल्ट्रासाउंड मशीन चार महीने से बंद पड़ी है. छह महीने से स्वास्थ्य महकमा अल्ट्रासाउंड मशीन खरीदने पर केवल मंथन ही कर रहा है. विभाग की ओर से कई कंपनियों से मशीन को लेकर कोटेशन भी ले लिया गया है, लेकिन अबतक खरीददारी नहीं की गयी है. सदर अस्पताल में इलाज के लिए पहुंचने वाले मध्यम व निम्न वर्गीय परिवारों को अल्ट्रासाउंड के लिए बाहर भेज दिया जाता है, जिसे उनका आर्थिक दोहन भी हो रहा है.
सदर अस्पताल के आसपास ही करीब सात से आठ अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे क्लिनिक है. सदर अस्पताल में ये सुविधाएं नहीं मिलने से इसका सीधा फायदा बाहर के जांच घरों को मिल रहा है. सदर अस्पताल में अल्ट्रासाउंड कराने का शुल्क मात्र 80 रुपये और यहां पीपीपी मोड पर हेल्थ मैप से 327 रुपये से शुरू है, जबकि निजी अस्पतालों में अल्ट्रासाउंड के लिए शुल्क लगभग 1200 रुपये से शुरू है. वहीं, इस मामले में सदर अस्पताल प्रबंधन और सिविल सर्जन दोनों ही गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि कहीं यह सब कुछ निजी क्लिनिकों को फायदा पहुंचाने के लिए तो नहीं किया जा रहा है.
पीपीपी मोड पर चला रही हेल्थ मैप के पास टेक्निशियन व डॉक्टर नहीं
सदर अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग की ओर से पीपीपी मोड पर हेल्थ मैप की ओर से अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे और सीटी स्कैन यूनिट चलाया जा रहा है. लेकिन, सितंबर से अल्ट्रासाउंड यूनिट के लिए टेक्निशियन व चिकित्सक नहीं हैं. इसकी जानकारी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को होने के बावजूद कोई पहल नहीं की जा रही है. हेल्थ मैप सेंटर के प्रभारी जगदीश शर्मा ने कहा कि अल्ट्रासाउंड के लिए डॉक्टर को लाने के बाद भी जगह नहीं होने के कारण वे छोड़कर चले जाते हैं.
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सदर अस्पताल में आयुष्मान भारत के तहत फंड से अल्ट्रासाउंड की खरीदारी के लिए कंपनी से कोटेशन लिये गये हैं. साथ ही सिविल सर्जन को दिया गया है. खरीदारी तो सिविल सर्जन को ही करनी है.
डॉ प्रभात रंजन, अस्पताल उपाधीक्षक, सदर अस्पताल
देवघर सदर अस्पताल की अल्ट्रासाउंड मशीन का रेजोल्यूशन सही नहीं है. काम चल रहा है. यहां हाइटेक अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे मशीन खरीदने का प्रयास किया जा रहा है, जिसमें करीब 40 लाख रुपये लगेंगे. आयुष्मान भारत योजना के तहत मिले पैसे कम हैं, इसलिए उपायुक्त के डीएमएफटी फंड या अन्य कोई सोर्सेस से खरीदारी करने का प्रयास किया जा रहा है. नहीं तो निम्न स्तर की मशीन खरीदी जायेगी.
डॉ रंजन सिन्हा, सिविल सर्जन, देवघर
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