Deoghar News: रामकृष्ण परमहंस का ननिहाल देवघर के कुंंडा स्थित कुंडेश्वरी मंदिर परिसर में है. भू-माफियाओं ने रामकृष्ण परमहंस की जमीन को भी नहीं छोड़ा व देवोत्तर की इस जमीन को गलत तरीके से टूकड़ों में बेच दिया. अब कुंडेश्वरी मंदिर परिसर की जमीन को भू-माफिया बेचने के प्रयास में है. मंदिर परिसर की जमाबंदी नंबर 47/36 के दाग नंबर 560 में 2.51 एकड़ जमीन की बिक्री का प्रयास किया जा रहा है. करीब 10 वर्ष पहले भू-माफियाओं ने कुंडेश्वरी मंदिर की जमीन को बेचने के लिए देवघर अंचल कार्यालय से जमीन की एनओसी लेने का प्रयास किया था, लेकिन मंदिर व धार्मिक स्थल को देखते हुए उक्त समय एनओसी नहीं जारी की गयी थी, जिस कारण कुंडेश्वरी मंदिर की जमीन की रजिस्ट्री नहीं हो पायी थी, लेकिन अब दोबारा इस जमीन की रजिस्ट्री का प्रयास चल रहा है.
अंचल कार्यालय के खतियान में कुंडेश्वरी मंदिर की जमीन देवोत्तर बसौड़ी के नाम से दर्ज है . कुंडेश्वरी मंदिर परिसर के दायरे में मां काली की मंदिर, भगवान शिव, विष्णु व भगवान राम समेत नवग्रह मंदिर अवस्थित है. उसके दायरे में बड़े-बड़े चट्टान व पेड़-पौधे हैं व जिला प्रशासन के पर्यटन नक्शे में कुंडेश्वरी मंदिर भी शामिल है. भू-माफियाओं ने मंदिर परिसर की जमीन में प्लाटिंग कर नींव की खुदाई कर ली गयी थी और कई कीमती पेड़ों को काट लिया गया था. रामकृष्ण परमहंस के नाना के वंशजों द्वारा चहारदीवारी कर फिलहाल मंदिर परिसर की जमीन तो बचा ली गयी है, लेकिन कुंडेश्वरी मंदिर के बाहर रामकृष्ण परमहंस के नाना व उनके ममेरे भाई के अधीन देवोत्तर की कुल 101 एकड़ जमीन को भू-माफियाओं द्वारा टूकड़ों में फर्जी दस्तावेज के सहारे बेचा जा रहा है. रामकृष्ण परमंहस के नाना के वंशज प्रशासन से जमीन की रक्षा का गुहार तीन वर्षों से लगाते आ रहे हैं.
बेलुर मठ की पुस्तक में रामकृष्ण परमहंस का ननिहाल कुंडेश्वरी मंदिर का जिक्र
कोलकाता स्थित बेलुर मठ से प्रकाशित उदभोदन पत्रिका में रामकृष्ण परमहंस का ननिहाल देवघर के कुंडा स्थित कुंडेश्वरी मंदिर बताया गया है. पत्रिका के लेखक प्रोफेसर तड़ित कुमार बंदोपाध्याय ने अगस्त 1996 में उदभोदन पत्रिका के सातवें भाग के पेज नंबर 332 व 333 में लिखा है कि रामकृष्ण परमहंस के नाना नंदकिशोर का घर कुंडेश्वरी मंदिर है. रामकृष्ण परमहंस की मां चंद्रमणी देवी व मामा कृष्णमोहन बंधोपाध्याय थे. मां चंद्रमणी देवी के साथ रामकृष्ण परमहंस कुंडेश्वरी मंदिर परिसर स्थित अपने मामा के घर आते थे व उनका बचपन यहां बीता. उनकी बचपन की पढ़ाई इसी घर से हुई. आज भी मंदिर परिसर में रामकृष्ण परमहंस के ममेरे भाई राममय का नाम घर के बोर्ड में लिखा है. साथ ही रामकृष्ण परमंहस का पादुका भवन कुंडेश्वरी मंदिर परिसर में है. इस परिसर में रामकृष्ण परमंहस के ममेरे भाई राममय के वंशज यहां रहते हैं.