Maha Shivratri 2023: महाशिवरात्रि को लेकर गुरुवार को माता पार्वती व बाबा मंदिर के शिखर पर स्थापित पंचशूल उतारे गये. दोपहर ढाई बजे से पंचशूल खोलने की परंपरा शुरू की गयी. सबसे पहले बाबा और पार्वती मंदिर के बीच का गठबंधन खोला गया. राजू भंडारी की अगुवाई में सबसे पहले मां पार्वती मंदिर के शिखर पर लगे चांदी के कलश से पंचशूल, फिर बाबा मंदिर के शिखर पर स्थापित सोने के कलश से पंचशूल को खोला गया. दोनों ही पंचशूल का मिलन कराया गया.
इस दृश्य को देखने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. लोगों में पंचशूल को स्पर्श करने की होड़ मची थी. पूरा मंदिर परिसर भोलेनाथ के जयकारे से गूंज उठा. दोनों पंचशूल को थामे मंदिर के मुख्य प्रबंधक रमेश परिहस्त के आसपास श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी थी. पंचशूल को मंदिर प्रशासनिक भवन स्थित सरदार पंडा के आवास पर ले जाया गया. मंदिर दीवान सह अधीक्षक सोना सिन्हा ने दोनों पंचशूल को महंत के माथे में स्पर्श कराया. पंचशूल चढ़ने तक गठबंधन चढ़ाने की परंपरा बंद रहेगी.
सभी मंदिरों के शिखर से नीचे उतारे गये पंचशूलों की सफाई के उपरांत शुक्रवार को विशेष पूजा की जायेगी. राधाकृष्ण मंदिर के बरामदे पर उपचारक भक्तिनाथ फलहारी, आचार्य गुलाब पंडित और पुजारी के तौर पर मंदिर महंत सरदार पंडा श्रीश्री गुलाबनंद ओझा तांत्रिक विधि से करीब दो घंटे तक पूजा करेंगे. पूजा करीब नौ बजे से ग्यारह बजे तक आरती के साथ संपन्न होगी.
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