Maha Shivratri: बाबा मंदिर में महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू, 17 से खुलने लगेंगे मंदिरों के पंचशूल

Maha Shivratri: देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू हो गयी है. 17 फरवरी से मंदिरों के पंचशूल खुलने लगेंगे. पूरा कार्यक्रम यहां देखें.

By Mithilesh Jha | February 11, 2025 9:23 PM
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Maha Shivratri in Deoghar: देवघर के बाबा बैद्यनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि की तैयारी शुरू हो गयी है. 26 फरवरी को महाशिवरात्रि मनाया जायेगा. इससे पहले परंपरा के अनुसार, बाबा मंदिर व पार्वती मंदिर समेत मंदिर परिसर में स्थित सभी मंदिरों के शिखर पर लगाये गये पंचशूलों को उतारा जायेगा. महाशिवरात्रि के एक दिन पहले बाबा भोलेनाथ और माता पार्वती के मंदिर से पंचशूल उतारे जायेंगे. उतारे गये पंचशूलों की सफाई के बाद इसे पुन: मंदिरों के शिखर पर विशेष पूजा के बाद लगाया जायेगा. बाबा मंदिर इस्टेट पुरोहित श्रीनाथ पंडित ने मंदिरों से पंचशूल को नीचे उतारने के लिए तिथि जारी कर दी है.

17 फरवरी को श्री गणेश मंदिर से उतारा जायेगा पंचशूल

पंडित जी के द्वारा जारी तिथि के अनुसार, श्री गणेश मंदिर से पंचशूल उतारने का शुभ मुहूर्त सोमवार 17 फरवरी को फाल्गुन मास पंचमी तिथि से प्रारंभ होगा. उसके बाद क्रमशः सभी मंदिरों से पंचशूल उतारे जायेंगे. बाबा बैद्यनाथ और माता पार्वती मंदिर से पंचशूल उतारने का शुभ मुहूर्त 24 फरवरी फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष एकादशी तिथि सोमवार को है.

25 फरवरी को मंदिरों के शिखर पर स्थापित किये जायेंगे पंचशूल

सभी पंचशूल को उतारने के बाद इनकी सफाई की जायेगी. विशेष पूजा के बाद फिर से मंदिरों के शिखर पर पंचशूलों को 25 फरवरी को फाल्गुन कृष्ण पक्ष, द्वादशी तिथि पर स्थापित किया जायेगा. वहीं महाशिवरात्रि की चतुष्प्रहर पूजा 26 फरवरी को फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष तिथि चतुर्दशी की रात चतुष्प्रहर पूजा होगी. इस दिन बाबा की शृंगार पूजा नहीं की जायेगी.

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पंचशूल उतारने के बाद बाबा का नहीं चढ़ेगा गठबंधन

परंपरा के अनुसार, 24 फरवरी को दोपहर बाद बाबा बैद्यनाथ और माता पार्वती के शिखर पर लगे पंचशूल को साफ करने और विशेष पूजा के उद्देश्य के लिए खोला जायेगा. पंचशूल खोलने के पहले दोनों मंदिरों के बीच बंधे गठबंधन को खोला जायेगा. गठबंधन खोलने के बाद दोनों मंदिरों के शिखर से एक साथ पंचशूल को उतारा जायेगा. नीचे लाने के बाद दोनों पंचशूलों का मिलन कराने की परंपरा निभायी जायेगी. इस क्षण को देखने के लिए हर साल भारी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़त है.

पंचशूलों की होगी विशेष पूजा

बाबा भोलेनाथ, मां पार्वती सहित सभी देवी-देवताओं के मंदिरों से खोले गये पंचशूल की सफाई के बाद सरदार पंडा गद्दी घर के बरामदे पर 25 फरवरी को विशेष पूजा होगी. यह पूजा दिन के करीब साढ़े नौ बजे से प्रारंभ होगी. पूजा तांत्रिक विधि से होगी. इस पूजन में आचार्य के तौर पर गुलाब पंडित और पुजारी स्वयं सरदार पंडा श्रीश्री गुलाब नंद ओझा होंगे. करीब 2 घंटे तक चलने वाली पूजा का समापन आरती के साथ होगा. उसके बाद पंचशूल लगाने की परंपरा गणेश मंदिर से प्रारंभ होगी.

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सरदार पंडा करेंगे गठबंधन

परंपरा के अनुसार, इस दिन सभी मंदिरों के शिखर पर पंचशूल की स्थापना के बाद बाबा भोलेनाथ और मां पार्वती मंदिर का पुन: गठबंधन होगा. इस परंपरा की शुरुआत सरदार पंडा श्रीश्री गुलाब नंद ओझा करेंगे. उसके बाद आम भक्त भी गठबंधन चढ़ा सकेंगे.

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