Mahashivratri 2022: कोविड की पाबंदियां हटते ही बाबा बैद्यनाथ मंदिर में महाशिवरात्रि के दिन श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा. तकरीबन 2.22 लाख भक्तों ने कतारबद्ध होकर बााब पर जलार्पण किये. इसमें 13,200 भक्तों ने शीघ्र दर्शनम का कूपन लेकर बाबा की पूजा की. इस पावन दिन पर भीड़ इतनी अधिक हो गयी कि भक्तों की आस्था के आगे मंदिर प्रशासन की व्यवस्था कम पड़ गयी. इस दौरान रूट लाइन में कई बार भगदड़ मच गयी, जिससे 50 से अधिक श्रद्धालुओं को चोटें आयी. दिनभर रह-रह कर मंदिर परिसर के वीआइपी गेट और कतार में कई जगह अफरा-तफरी का माहौल रहा. वहीं, महाशिवरात्रि के दिन वीआइपी मूवमेंट ने भी जिला प्रशासन की परेशानी बढ़ायी. अहले सुुबह से ही अप्रत्याशित भीड़ नियंत्रण में डीसी मंजूनाथ भजंत्री और एसपी धनंजय कुमार सिंह सहित प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी डटे रहे. डीसी खुद देर रात से ही कतार को व्यवस्थित करते देखे गये.
सोमवार रात दो बजे तक कतार करीब 6 किलोमीटर तक पहुंच गयी थी. महाशिवरात्रि के दिन मंगलवार की सुबह 4.05 बजे ही बाबा मंदिर में आम श्रद्धालुओं के लिए जलार्पण शुरू हो गया. रात के 9.30 बजे तक जलार्पण हुआ. रात को 8.30 बजे ही क्यू कांप्लेक्स जहां से कतार व्यवस्थित की जाती थी, उसे क्लोज कर दिया गया. लगभग 16 घंटे बाबा पर जलार्पण हुआ. रात को 9.30 बजे के बाद बाबा बैद्यनाथ की चतुष्प्रहर पूजा शुरू हुई.
इससे पूर्व सुबह तीन बजे बाबा का पट खुलते ही सबसे पहले मां काली के मंदिर में जाकर मंदिर ईस्टेट की ओर से पूजा की गयी. उसके बाद सरदार पंडा श्रीश्री गुलाबनंद ओझा ने गर्भ गृह में प्रवेश कर कांचा जल की पूजा को प्रारंभ कराया़ सरदार पंडा ने बाबा को फूलेल लगाकर महाशिवरात्रि के सरदारी पूजा शुरू की. मंदिर खुलने के समय भक्तों की कतार हनुमान टिकरी तक पहुंच गयी थी. वहीं, शीघ्रदर्शनम की कतार भी बसंती मंडप के पार हो गया था.
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सुबह करीब साढ़े दस बजे शीघ्रदर्शनम कतार में हो-हल्ला होने पर भक्तों को प्रवेश कराने के लिए जब मंदिर कार्यालय के मुख्य द्वार को खोला गया, तब अचानक सैकड़ों की संख्या में लोग घुस गये और एक-दूसरे पर गिरने लगे. इससे अफरा-तफरी मच गयी. इस दौरान मंदिर प्रशासन को भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सख्ती बरतनी पड़ी. इस अफरा-तफरी में करीब 50 लोगों को चोटें आयी. वहीं, पटना से आयी महिला भक्त रीता देवी का पैर टूट गया. सभी घायलों का इलाज बाबा मंदिर उपस्वास्थ्य केंद्र में कराया गया.
महाशिवरात्रि को लेकर डीसी ने कहा था कि भीड़ अधिक होगी, इसलिए नाथबाड़ी में इस बार शीघ्रदर्शनम का काउंटर खोल जायेगा, क्योंकि प्रशासनिक भवन में काउंटर रहने से भीड़ में परेशानी हो सकती है. लेकिन, इस आदेश के बाद भी काउंटर वहीं रखा गया. वहीं, नाथबाड़ी में जो शीघ्रदर्शनम काउंटर की जो व्यवस्था बनायी गयी थी, वह फेल हो गया.
शिवरात्रि के दिन बाबा मंदिर में पूजा करने के लिए हजारीबाग के बड़कागांव की विधायक अंबा प्रसाद भी अपने समर्थकों के साथ पहुंचीं थी. सुविधा नहीं मिलने और अव्यवस्था पर उन्होंने नाराजगी जतायी. इस दौरान मंदिर प्रबंधक रमेश परिहस्त और विधायक के बीच कहा-सुनी हो गयी. इस पर मंदिर प्रबंधक ने विधायक से यहां तक कह दिया कि आप मुझे जानती नहीं हैं. मैं किसी सांसद, विधायक को नहीं जानता. मैं जो चाहूंगा, वही होगा.
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दरअसल, कुछ देर पहले ही भीड़ में दबने से एक महिला को अचेत अवस्था में मंदिर प्रशासनिक भवन में लगाया गया था. इसकी सूचना विधायक को मिली, तो वे महिला से मिलने कमरे में प्रवेश करना चाह रही थी, लेकिन उन्हें रोक दिया गया. क्योंकि उसी समय झारखंड के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन भी पूजा करने पहुंचे थे. मुख्य न्यायाधीश को मंदिर के कंट्रोल रुम में बिठाया गया था. विधायक नाराज होकर वहीं धरने पर बैठ गयीं और डीसी से बात करने की जिद करने लगी़ इसी क्रम में कुछ न्यायिक पदाधिकारियों ने आकर विधायक से आग्रह किया कि धरना से उठ जायें. विधायक अंबा उनकी बात को मानकर प्रबंधक के चेंबर में बैठ गयी. कुछ देर बाद डीसी से भी मिली और सारी बातों से अवगत कराया. उसके बाद विधायक को प्रबंधक ने फिल पाया के रास्ते से बाबा पर जलार्पण कराया.
Posted By: Samir Ranjan.