Mahashivratri 2023: देवघर में शिव बारात पर SDO के आदेश से मची खलबली, सांसद पहुंचे झारखंड हाईकोर्ट
देवघर में शिव बारात पर एसडीओ के आदेश से खलबली मच गई थी. इस पर सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने ट्विट कर कहा है कि झारखंड सरकार डीसी देवघर के माध्यम से हजारों साल से आ रही देवघर शिव बारात को रोकना चाह रही है. आस्था के लिए हम न्यायालय के शरण में जायेंगे. आज झारखंड हाईकोर्ट पहुंच गये हैं.
देवघर एसडीओ दीपांकर चौधरी ने आदेश जारी कर महाशिवरात्रि के दिन पूरे देवघर अनुमंडल क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू कर दिया है. साथ ही शिव बारात निकालने के लिए भी आदेश जारी किये हैं. एसडीओ के इस आदेश के बाद शहर में खलबली मच गयी है. एक ओर जहां एसडीओ ने पूरे अनुमंडल क्षेत्र में निषेधाज्ञा लागू करते हुए आदेश दिया है कि शिव बरात जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित रूट से ही निकाली जाये, इसके इतर बरात के भ्रमण पर पूर्णत: प्रतिबंध रहेगा.
गोड्डा सांसद का ट्विट
वहीं दूसरी ओर इस आदेश के बाद सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने ट्विट कर कहा है कि ”झारखंड सरकार डीसी देवघर के माध्यम से हज़ारों साल से आ रही देवघर शिव बारात को रोकना चाह रही है. आस्था के लिए हम न्यायालय के शरण में जायेंगे.” धारा 144 लगाना तथा बिना शिव रात्रि महोत्सव समिति की सहमति के ज़िला प्रशासन ने रूट कैसे तय किया? यह तानाशाही है, यदि प्रशासन नहीं संभला तो मैं भगवान शिव के लिए आमरण अनशन भी कर सकता हूं. इसे लेकर आज यानी 15 फरवरी को सासंद झारखंड हाईकोर्ट पहुंचे हैं.
धारा 144 लगाना तथा बिना शिव रात्रि महोत्सव समिति के सहमति के ज़िला प्रशासन ने रुट कैसे तय किया? यह तानाशाही है,यदि प्रशासन नहीं संभला तो मैं भगवान शिव के लिए आमरण अनशन भी कर सकता हूँ
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) February 14, 2023
आज झारखंड हाईकोर्ट पहुँचा । शिव बारात देवघर pic.twitter.com/ntdJpQLi6I
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) February 15, 2023
वहीं शिवरात्रि महोत्सव समिति के अध्यक्ष अभिषेक आनंद झा ने कहा है कि प्रशासन का यह तुगलकी फरमान है. शिव बरात को देखने लाखों भक्त पहुंचते हैं. ऐसी परिस्थिति में मनमाने तरीके से 144 की निषेधाज्ञा लागू करना अनुचित है. भक्त आखिर शिव बारात देखने कैसे पहुंच पायेंगे. यह हिंदुत्व पर प्रहार है. राज्य सरकार के इशारे पर जिला प्रशासन हिंदुत्व पर प्रहार करने का काम कर रही है. लोगों के आस्था को ठेस पहुंचाना चाहती है. बरात में हाथी शामिल नहीं करना समेत कई प्रकार की रोक जिला प्रशासन द्वारा लगायी गयी है, जबकि पहले भी हाथी शिव बारात में शामिल किये जाते थे. शिव बारात एक पुरानी परंपरा बन चुकी है, लेकिन जिला प्रशासन इसमें अड़ंगा डालने का काम कर रही है, जिसका शिवरात्रि महोत्सव समिति पुरजोर विरोध करती है.
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शिव बरात पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया गया
वहीं सूचना जनसंपर्क विभाग ने निषेधाज्ञा को लेकर प्रेस विज्ञप्ति जारी किया है कि शिव बरात पर किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया गया है. बरात का जो रूट प्रशासन ने निर्धारित किया है, उसी रूट से बरात निकलेगी. यह भी कहा गया है कि अनुमंडल दंडाधिकारी देवघर ने विधि व्यवस्था एवं श्रद्धालुओं की सुरक्षा के दृष्टिकोण से दिशा-निर्देश जारी किया है.
विस्तारित रूट में अच्छा था, प्रशासन का दिया रूट संकीर्ण है : अध्यक्ष
अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश पत्र निर्धारित शिव बरात रूट पर शिवरात्रि महोत्सव समिति के अध्यक्ष अभिषेक आनंद झा ने कहा कि शिवरात्रि महोत्सव समिति ने जो जिला प्रशासन को रूट चार्ट दिया था, वह रूट चार्ट बहुत ही अच्छा था. उस रास्ते में भगदड़ की भी संभावना नहीं थी. भीड़ को एक लंबी दूरी तक बढ़ाया जा सकता था, लेकिन प्रशासन द्वारा दिया गया रूट चार्ट संकीर्ण है. लोगों की अत्यधिक भीड़ होने के कारण कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो सकती है. प्रशासन द्वारा तय किया गया रूट चार्ट को लेकर शिवरात्रि महोत्सव समिति से किसी भी प्रकार का संवाद नहीं किया गया है. अनुमंडल पदाधिकारी के पत्र में इस बात का जिक्र है कि 9 फरवरी को बैठक हुई थी जिसमें समिति की राय को नहीं सुनी गयी.
पूर्व सीएम बाबूलाल मरांडी का ट्विट
मुख्यमंत्री जी, कोरोना की वजह से दो सालों बाद बैद्यनाथ धाम में होने वाले शिवरात्रि उत्सव एवं शिव बारात में बाधा खड़ा करने से बाज आइये. आपका यह दुष्टतापूर्ण कदम न सिर्फ करोड़ों लोगों की आस्था से खिलवाड़ है बल्कि देवघर के लाखों लोगों के रोजी-रोटी से भी जुड़ा है.