मठ व मंदिर हों अधिग्रहण मुक्त, नहीं तो होगा आंदोलन, देवघर में बोले तीर्थ पुरोहित महासभा के महेश पाठक

अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक ने कहा कि इससे पहले संघर्ष के कारण ही चारधाम श्राइन बोर्ड का बिल वापस हो चुका है और चारधाम यात्रा अब पूरी तरह से वहां के पुरोहितों के हाथ में है. सरकारों ने कॉरिडोर के नाम पर पुरोहितों व मंदिरों से छेड़छाड़ करना प्रारंभ कर दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 16, 2022 11:36 AM
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Jharkhand News: अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा का दो दिवसीय अधिवेशन 17 दिसंबर से देवघर के समाजबाड़ी में होगा. अधिवेशन में देशभर के तीर्थस्थलों से 700 से 1000 तीर्थ पुरोहित हिस्सा लेंगे. शनिवार की सुबह साढ़े आठ बजे नेहरु पार्क से भव्य शोभा यात्रा निकाली जायेगी. अधिवेशन में शामिल होने देवघर पहुंचे महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक ने कहा कि देश की सरकारें हिंदुओं के तीर्थ स्थलों को अधिग्रहण कर रही हैं, लेकिन गैर हिंदुओं के तीर्थस्थलों को नहीं. सरकार जल्द अगर मठ-मंदिरों को अधिग्रहण मुक्त नहीं करेगी, तो इसके लिए जोरदार आंदोलन होगा.

कॉरिडोर के नाम पर पुरोहितों व मंदिरों से नहीं हो छेड़छाड़

अखिल भारतीय तीर्थ पुरोहित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष महेश पाठक ने कहा कि इससे पहले संघर्ष के कारण ही चारधाम श्राइन बोर्ड का बिल वापस हो चुका है और चारधाम यात्रा अब पूरी तरह से वहां के पुरोहितों के हाथ में है. राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि सरकारों ने कॉरिडोर के नाम पर पुरोहितों व मंदिरों से छेड़छाड़ करना प्रारंभ कर दिया है. मथुरा में भी हमने सीएम को वहां आने से मना कर दिया. उनके सामने प्रस्ताव रखा है कि जब तक तीर्थ क्षेत्र को श्राइन बोर्ड से मुक्त रखने की घोषणा नहीं करते हैं, तब तक आप यहां नहीं आ सकते. हम पुरोहित विकास के विरोधी नहीं है, लेकिन सरकार शब्द का खेल कर तीर्थ स्थलों का नक्शा खराब कर रही है, यह बर्दाश्त के बाहर है.

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मंदिरों से प्राप्त राशि पुरोहितों के हित में व गरीबों को सुविधा देने में खर्च हो

तीर्थ स्थलों का डेवलपमेंट तीर्थ पुरोहितों व वहां रहनेवाले लोगों के हित का ख्याल रखते हुए किया जाये. मंदिरों से प्राप्त आमदनी को मंदिरों में प्रभावी अधिकारी इसे दूसरे कामों में लगा रहे हैं, यहां से प्राप्त राशि का उपयोग पुरोहितों के हित व वहां रहने वाले गरीब आम लोगों की शिक्षा, चिकित्सा आदि पर खर्च हो न कि राज्य की अन्य योजनाओं पर. महासभा हिंदुओं के तीर्थ स्थलों को मुक्त करने के लिए कोर्ट जा रही है. महाकलेश्वर का मामला सुप्रीम कोर्ट में पेंडिंग है. उन्होंने कहा कि लखराज जमीन के मामले को सरकार अगर जल्द ही निबटारा नहीं करेगी, तो यहां रहनेवाले लोगों का बड़ा नुकसान होगा. कॉरिडोर की चर्चा सुनने में आ रही है, अगर लोगों की जमीन गयी तो मुआवजा भी सही नहीं मिलेगा. यह मामला अगर जल्द नहीं निबटा, तो जरूरत पड़ने पर महासभा की ओर से देशभर से पुरोहितों का जुटान कर सरकार के खिलाफ आंदोलन किया जायेगा.

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पुरोहित समाज के युवाओं की हो मंदिरों में नियुक्ति

राष्ट्रीय अध्यक्ष ने श्राइन बोर्ड की बैठक नहीं होने के मामले पर कहा कि यह सब गड़बड़ी का मामला प्रतीत हो रहा है. मंदिरों में नियुक्ति स्थानीय पुरोहित समाज के युवाओं की हो. कुंभ मेले में तीर्थ पुरोहितों को सबसे अंतिम में स्थान दिया जाता था, जिसको हम लोगों ने लड़कर हासिल किया और आज आगे स्थान मिलता है. तीर्थ स्थलों का विकास या पहचान तीर्थ पुरोहित हैं. इस अवसर पर पंडा धर्मरक्षिणी सभा के अध्यक्ष डॉ सुरेश भारद्वाज, तीर्थ पुरोहित महासभा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष नवीन नागर, धर्मरक्षिणी सभा के वरीय उपाध्यक्ष संजय मिश्रा, मनोज मिश्रा, महामंत्री कार्तिक नाथ ठाकुर, मंत्री अरुणानंद झा, नुनु भाई मिश्र, राजदेव मिश्र आदि मौजूद थे.

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