रंगीन मछली के व्यवसाय से लाखों की हो सकती है आमदनी, देवघर की ग्रामीण महिलाएं इसका पालन कर बन रही आत्मनिर्भर
देवघर की ग्रामीण महिलाएं रंगीन मछली का पालन कर आत्मनिर्भर बन रही है. पायलट प्रोजेक्ट के तहत सखी मंडल की दीदियां इक्वेरियम की रंगीन मछली के पालन में जुटी है. इस व्यवसाय से सालाना ढाई लाख रुपये तक की आमदनी हो सकती है.
Jharkhand News (देवघर) : इक्वेरियम में रंगीन मछली पालन करने वाले शौकीन लोगों को अब मछली के लिए दूसरे राज्यों से रंगीन मछली मंगवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. JSLPS के माध्यम से जिला मत्स्य विभाग द्वारा सखी मंडल के 5 समूह का चयन कर हर समूह से 3-3 महिलाओं को रंगीन मछली का पालन करने प्रशिक्षण देकर उत्पादन को शुरू किया गया है. सभी महिलाएं देवघर प्रखंड के राघुडीह की है. यह जानकारी जिला मत्स्य पदाधिकारी प्रशांत कुमार दीपक ने दी.
DFO ने बताया कि 15 दिन पूर्व ही 15 महिलाओं को विभाग की ओर से हर महिला को 20-20 हजार का इक्विमेंट दिया गया है. इसमें FRP टैंक, रेटर, फिल्टर कॉरटाइन टैंक, ऑक्सीजन मोटर सहित सभी महिलाओं को 150 पीस मछली भी दी गयी है. सभी मछलियां ऑटोब्रिज की हैं. जिससे ब्रिडिंग कराने में समस्या नहीं हो. मछली को कॉरेंटिन करने और बेचने के लिए जाल की भी सुविधा दी गयी है.
मछली का पालन कर रही सखी मंडल की सरस्वती देवी ने बताया कि विभाग की ओर से हर तरह की सुविधा मिली है. पिछले 15 दिन से उत्पादन शुरू हो गया है. पहली दफा 2 दिन पूर्व ही 20 रुपये प्रति पीस के हिसाब से 20 मछली बेचे हैं. वहीं, विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, उत्पादन बेहतर करने से एक सखी मंडल को सालाना दो से ढाई लाख रुपये तक की आमदनी हो सकती है.
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जिला मत्स्य पदाधिकारी की मानें, तो इसे देवघर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत शुरू किया गया है. इस कार्य में मुख्य रूप से मां दुर्गा आजीविका सखी मंडल, सरस्वती सखी मंडल, ऋद्धि सखी मंडल और गायत्री सखी मंडल की महिलाओं का चयन कर प्रशिक्षण दिया गया है. इस कार्य में सखी मंडल की दीदियों में मुख्य रूप से सरस्वती देवी, ललीता देवी, मुन्नी देवी, भारती देवी, सरिता देवी, रुचि देवी, प्रतिमा देवी, विमा देवी, प्रीति कुमारी आदि लगी हैं.
Posted By : Samir Ranjan.