चौथी सोमवारी को दो लाख से अधिक कांवरियों ने चढ़ाया जल

श्रावणी मेले की चौथी सोमवारी को भी बाबाधाम में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा. कांवरियों की अप्रत्याशित भीड़ रविवार की रात से दिखने लगी थी.

By Prabhat Khabar News Desk | August 12, 2024 7:32 PM
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रात आठ बजे तक बीएड कॉलेज के पंडाल से हो रहा था संचालन

संवाददाता, देवघर.

श्रावणी मेले की चौथी सोमवारी को भी बाबाधाम में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा. कांवरियों की अप्रत्याशित भीड़ रविवार की रात से दिखने लगी थी. रविवार से प्रशासनिक अमला पूरी तरह मुस्तैद था. रातभर जिला प्रशासन के पदाधिकारी से लेकर मेला ड्यूटी में लगे कर्मी कांवरियों को कतारबद्ध करने और उनकी सुरक्षा व सुविधाओं के लिए सजग दिखे. सोमवारी को जलार्पण के लिए करीब 12 किमी लंबी कतार लग गयी थी. पूरी रूटलाइन बोल बम के जयघोष से गूंजती रही. स्थानीय लोग से लेकर विभिन्न सामाजिक संगठनों में कतार में लगे कांवरियों के प्रति सेवाभाव दिखा. लोगों ने कांवरियों के बीच पानी, फल व शरबत का वितरण किया. प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार को दो लाख से अधिक भक्तों ने बाबा पर जल अर्पित किया.

शिवगंगा में स्नान के बाद संकल्प करा कतार में लगे कांवरिये

चौथी सोमवारी को बाबा पर जलाभिषेक के लिए कांवरियों में उत्साह इस कदर था कि रविवार को दिनभर कांवरिया पथ भक्तों से पटा रहा. बाबाधाम प्रवेश करने के बाद कांवरियों की रफ्तार काफी तेज होती चली गयी. लोगों ने शिवगंगा पहुंचकर स्नान करने बाद पुरोहिताें से जल का संकल्प कराया. इसके बाद सभी जलार्पण के लिए कतार में लगने लगे थे. इस दौरान रविवार की रात से सोमवार को दोपहर तक कांवरियों का प्रवाह निरंतर जारी रहा. दिन ढलने के बाद ही कांवरियों की संख्या में कमी दिखी.

सोमवार को शीघ्रदर्शनम की व्यवस्था रही बंद, बाह्य अरघा दे रहा राहत

श्रावणी मेले में कांवरियों के सुलभ जलार्पण की व्यवस्था के लिए सोमवार को शीघ्र दर्शनम कूपन जारी नहीं किया गया था. इसके बावजूद भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस प्रशासन को काफी मेहनत करनी पड़ रही थी. सुलभ जलार्पण के लिए बाबा मंदिर के निकास द्वार पर लगाये गये तीन बाह्य अरघा सोमवार की भीड़ प्रबंधन करने में एक बार फिर कारगर साबित हुआ. इस अरघा में सुबह जलार्पण प्रारंभ होने के बाद से लेकर देर शाम तक काफी भीड़ देखी गयी. लंबी कतार में लगने में सक्षम नहीं रहने वाले कांवरिये खासकर महिला-बच्चे, बुजुर्ग के अलावा स्थानीय लोगों ने बाह्य अरघा के माध्यम से जलार्पण किया.

बाबा बैद्यनाथ की सरदारी पूजा के बाद खुला मंदिर का पट

हर दिन की तरह बाबा मंदिर का पट सुबह तीन बजे खुला. पट खुलने के पूर्व मां काली की पूजा की गयी, जिसके बाद बाबा के गर्भ गृह में कांचा जल पूजा की गयी. 20 मिनट बाद पुजारी गुड्डू श्रृंगारी ने बाबा भोलेनाथ की सरदारी पूजा संपन्न कर चार बजे से आम कांवरियों के लिए जलार्पण प्रारंभ कराया. जलार्पण प्रारंभ होने के समय कतार सिंहवा तक थी. शाम के आठ बजे तक बीएड कॉलेज परिसर में बने पंडाल से कांवरियों को बाबा मंदिर भेजा जा रहा था.

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