MP Fund News, Deoghar news, देवघर न्यूज : झारखंड में राज्यसभा सांसद रहे जेपीएन सिंह के सांसद फंड से 2.5 करोड़ रुपये की योजनाएं उनके कार्यकाल समाप्त होने के सात साल बाद देवघर जिले को मिली हैं. जेपीएन सिंह वर्ष 2008 से 2014 के बीच झारखंड से राज्यसभा सांसद रहे थे. मार्च 2014 में उनका कार्यकाल समाप्त हो गया था. जेपीएन सिंह ने फरवरी 2014 में देवघर जिले के अलग-अलग क्षेत्राें के लिए ढाई करोड़ रुपये की 100 योजनाओं की अनुशंसा डीआरडीए से की थी. एक महीने तक इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई. बाद में मार्च 2014 में जेपीएन सिंह का कार्यकाल समाप्त हो गया. इसके बाद इन योजनाओं की स्वीकृति भी रुक गयी. ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार ने फंड के भुगतान पर रोक लगा दी. फंड भुगतान पर रोक के बाद जेपीएन सिंह ने ग्रामीण विकास मंत्रालय के समक्ष आपत्ति जतायी. उन्होंने लगभग छह वर्षों तक मामले को लेकर पत्राचार किया, पर फंड नहीं मिला.
अंत में उन्होंने दिल्ली में राज्यसभा की संसदीय समिति के पास अपनी याचिका दायर की. संसदीय समिति ने जांच के बाद ग्रामीण विकास मंत्रालय को पुरानी अनुशांसित योजना को ही स्वीकृत कर एमपी फंड भुगतान करने का निर्देश दिया. ग्रामीण विकास मंत्रालय ने देवघर डीसी का सरकारी बैंक खाता नंबर मांगा और कुल ढाई करोड़ रुपये रिलीज कर दिया गया. अब 2014 में अनुशंसित योजनाओं की स्वीकृति के लिए डीसी द्वारा फाइल आगे बढ़ायी गयी है. इनमें सड़क, नाला, चापानल जैसी योजनाएं शामिल हैं.
संसदीय समिति ने जांच के बाद दी स्वीकृति, फंड किया आवंटित
किस प्रखंड में कितनी योजनाओं की अनुशंसा
देवघर 19
मोहनपुर 08
सारवां 11
सोनारायठाढ़ी 04
देवीपुर 14
सारठ 04
मधुपुर 15
करौं 11
मारगोमुंडा 04
मधुपुर नगर पर्षद 10
भारत सरकार के निर्देशानुसार जेपीएन सिंह का एमपी फंड उनके द्वारा 2014 में अनुशंसा की गयी योजनाओं पर ही खर्च होगी. सरकार ने शर्त लगा दी है कि वर्तमान दर पर ही योजनाओं का काम होगा. अनुशंसा की गयी सभी 100 योजनाएं दो लाख रुपये से अंदर की है. ऐसी परिस्थिति में अब योजनाओं की लागत भी बढ़ जायेगी.
देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने बताया कि 2014 में तत्कालीन राज्यसभा सांसद जेपीएन सिंह द्वारा 2.5 करोड़ रुपये की योजनाओं की अनुशंसा हुई थी. योजना की स्वीकृति समय पर नहीं हो पायी. इस बीच उनका कार्यकाल समाप्त हो गया. मामला संसदीय समिति में चला गया था. अब केंद्र के निर्देशानुसार पुरानी अनुशंसित योजनाओं को वर्तमान दर पर नये तरीके से स्वीकृत किया जायेगा.
Posted By : Guru Swarup Mishra