Jharkhand News: माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के संकल्प, निदेशक और हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी दुमका और देवघर सहित अन्य जिलों में हटाये गये संगीत शिक्षकों को फिर से बहाल नहीं किया जा रहा है. आदेश जारी हुए 11 दिन बीत गये, लेकिन दोनों ही जिले के डीइओ इतने गंभीर मामले पर संज्ञान नहीं ले रहे हैं. इन अधिकारियों को सरकार के आदेश की भी परवाह नहीं है. इससे संगीत शिक्षकों में मायूसी है, जबकि झारखंड सरकार ने कैबिनेट में ये निर्णय लिया है कि झारखंड के हाईस्कूलों में नियुक्ति के बाद हटाये गये संगीत शिक्षक बहाल रहेंगे.
संगीत की डिग्री को सरकार ने दी मान्यता
सरकार ने शिक्षकों के संगीत की डिग्री को मान्यता दे दी है. इसके साथ ही सभी शिक्षकों को पूरी अवधि का वेतन भी देने का निर्णय लिया है. कैबिनेट के निर्णय के बाद माध्यमिक शिक्षा निदेशालय अंतर्गत स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने 14.09.22 को संकल्प भी जारी कर दिया. इस संकल्प के आलोक में डायरेक्टर ने सभी डीइओ को अविलंब इन शिक्षकों को बहाल करने और पूरी अवधि का वेतन भुगतान की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश भी दिया, लेकिन दुमका, देवघर, गिरिडीह सहित अन्य जिले के डीइओ कार्यालय ने इस आदेश को अभी तक गंभीरता से नहीं लिया है. उधर, विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीइओ द्वारा त्वरित कार्रवाई नहीं करने को माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक सुनील कुमार ने गंभीरता से लिया है.
संकल्प में क्या है
संकल्प में प्रयाग संगीत समिति इलाहाबाद व प्राचीन कला केंद्र चंडीगढ़ द्वारा जारी संगीत की उपाधि को मान्यता प्रदान करते हुए सभी संगीत शिक्षकों के वेतन भुगतान की स्वीकृति दी गयी है. संकल्प की कंडिका 10 के 1.1 कहा गया है कि प्रदत्त डिग्री के आधार पर नियुक्त योग्य संगीत शिक्षकों को झारखंड उच्च न्यायालय द्वारा दिनांक 23.06.21 को पारित आदेश के अनुपालन में उनके कार्यदिवस के आधार पर वेतन भुगतान की स्वीकृति प्रदान की जाती है.
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रिपोर्ट : संजीत मंडल, देवघर