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अबतक देवघर के बाजार में नहीं आयी मुजफ्फरपुर की लीची, नवगछिया व बंगाल की लीची से करना पड़ रहा संतोष

फल व्यवसायी अजीत ने बताया कि इस वर्ष आम के उत्पादन में पिछले चार वर्षों की तुलना में 50 फीसदी कम हुआ है, जिससे मंडी में आम की आपूर्ति कम हो रही है.

देवघर : इस वर्ष देवघर के बाजार में अब तक मुजफ्फरपुर की रसीली लीची नहीं उतरी है. ग्राहकों को नवगछिया व बंगाल की लीची से संतोष करना पड़ रहा है. बाजार में नवगछिया व बंगाल की लीची 80 से 100 रुपये प्रति किलो की दर से बिक रही है. फल व्यवसायियों के अनुसार मुजफ्फरपुर की लीची की डिमांड दिल्ली, मुंबई के साथ-साथ विदेशों में भी है, जिस वजह से मुजफ्फरपुर लीची व्यवसायी देवघर के लिए एडवांस बुकिंग तक नहीं कर रहे हैं.

वैसे भी मुजफ्फरपुर से देवघर की ट्रांसपोर्टिंग खर्च भी इसमें अधिक होने के कारण देवघर के व्यापारी कम मुनाफा देखते हुए लीची नहीं मंगवा रहे हैं. मुजफ्फरपुर की मंडी से मुंबई व उत्तर भारत के अधिकतर थोक व्यापारी लीची की खरीदारी कैश के साथ कर रहे हैं.

देवघर फल व्यवसायी संघ के सचिव अजीत सिंह ने बताया कि मुजफ्फरपुर की लीची का साइज बड़ा रहता है व इसमें मिठास के साथ-साथ रस अधिक रहता है, इस कारण डिमांड है. मुजफ्फरपुर की लीची की दर भी 130 से 150 रुपये किलो बिहार के बाजार में चल रही है. अजीत ने बताया कि देवघर में इन दिनों नवगछिया के साथ-साथ पश्चिम बंगाल के राणाघाट, मेदनीपुर आदि इलाके से लीची आ रहा है. इस इलाके के लीची में मिठास ठीक रहती है, लेकिन साइज में छोटा व रस कम है, बावजूद डिमांड बाजार में हो रही है. 15 जून तक लीची के बाजार का समय है.

देवघर के बाजार में उतरा मालदा व हिमसागर

फल व्यवसायी अजीत ने बताया कि इस वर्ष आम के उत्पादन में पिछले चार वर्षों की तुलना में 50 फीसदी कम हुआ है, जिससे मंडी में आम की आपूर्ति कम हो रही है. इन दिनों देवघर के बाजार में मालदा, हिमासागर, बंबईया, गुलाबखास, बैगनफुली आदि उतरा है. इसमें मालदा व हिमसागर भागलपुर, अमरपुर व रोहिणी से आ रहा है. मालदा 60-70 रुपये व हिमसागर 60 से 70 रुपये प्रति किलो के दर से बिक रहा है.

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