हत्या का प्रयास मामले में नौ दोषियों को सात-सात साल की सश्रम सजा

मोहनपुर थाना क्षेत्र के अलकुई गांव में हुए जमीन विवाद को लेकर हत्या का प्रयास मामले में कोर्ट ने नौ आरोपियों को दोषी पाकर सात-सात साल की सश्रम सजा सुनायी गयी. साथ ही प्रत्येक दाेषी को पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया.

By Prabhat Khabar Print | June 29, 2024 7:53 PM

विधि संवाददाता, देवघर : मोहनपुर थाना क्षेत्र के अलकुई गांव में हुए जमीन विवाद को लेकर हत्या का प्रयास मामले में कोर्ट ने नौ आरोपियों नागेश्वर महतो, महेंद्र यादव उर्फ परमेश्वर यादव, बलदेव यादव, जय नारायण यादव, शुकदेव यादव, मदन यादव, दीनू महतो, भीम महतो व मदन यादव को दोषी पाकर सात-सात साल की सश्रम सजा सुनायी गयी. साथ ही प्रत्येक दाेषी को पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर अलग से एक साल की अतिरिक्त सश्रम सजा काटनी हुई. यह फैसला एडीजे तीन सह विशेष न्यायाधीश राजेंद्र कुमार सिन्हा की अदालत ने सुनाया. अदालत ने निर्देश दिया कि जुर्माना की राशि जख्मी दिवाकर यादव, मेघलाल यादव, टिकेश्वर यादव व पप्पू यादव को देय होगी. सभी अभियुक्त मोहनपुर थाना के अलकुई गांव के रहने वाले हैं. यह मुकदमा उक्त थाना के बंधुकुरूमटांड़ गांव निवासी धनराज महतो के आवेदन पर 29 अक्तूबर 2010 को मोहनपुर थाना में केस दर्ज हुआ था. इसमें एकजुट होकर मारपीट कर गंभीर रूप से जख्मी करने का आरोप लगाया गया था. मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष से सात लोगों की गवाही अपर लोक अभियोजक शिवाकांत मंडल ने दिलायी और दोष सिद्ध करने में कामयाब रहे. बचाव पक्ष से अधिवक्ता सुभाष चंद्र राय व अयोध्या यादव ने पक्ष रखा. इस मामले में 14 साल के संघर्ष के बाद फैसला आया.क्या था मामला दर्ज प्राथमिकी के अनुसार मोहनपुर थाना के अलकुई गांव में जमीन विवाद में मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया था. यह घटना 29 अक्तूबर 2010 को घटी थी, जिसमें चार -पांच लोगों को घातक हथियार से वार कर गंभीर रूप से जख्मी कर दिया गया था. केस दर्ज होने के बाद पुलिस ने अनुसंधान पूरी कर आरोप पत्र दाखिल किया. पश्चात केस को सेशन ट्रायल के लिए भेजा गया, जहां पर अभियोजन पक्ष से सात गवाही दी गयी व हत्या का प्रयास, मारपीट, गाली गलौज समेत अन्य धाराओं में दोषी पाकर अलग-अलग सजा सुनाई गयी. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. इन धाराओं में पाया गया दोषी भादवि की धारा 147 में दो साल, धारा 148 में छह माह, 323 में एक साल, 506 में एक साल, 504 में एक साल एवं धारा 307 में सात वर्ष की सश्रम सजा. हाइलाइट्स -एडीजे तीन राजेंद्र कुमार श्रीवास्तव की अदालत से आया फैसला -प्रत्येक दोषियों को पांच-पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया -14 साल संघर्ष के बाद मिला न्याय

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