देवघर में इलाज तक की व्यवस्था नहीं, लेकिन विभाग मना रहा डेंगू रोधी माह
देवघर में डेंगू के इलाज के लिए अबतक किसी प्रकार का टीका या दवा उपलब्ध नहीं हो सकी है. सदर अस्पताल में डेंगू के मरीजों को भर्ती करने को लेकर आइसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है. मगर, स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में आजतक डेंगू- चिकनगुनिया की जांच की व्यवस्था नहीं की जा सकी है.
Deoghar News: मौसम बदलने के साथ राज्य में डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया के मरीजों की संख्या बढ़ने गलती है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग सभी जिले को इसे लेकर अलर्ट रहने को कहा गया है. मानसून के समय डेंगू की संभावनाएं बढ़ जाती है. यह विषाणु जनित रोग है, जो संक्रमित मादा एडीज मच्छर के काटने से होता है. इसके इलाज के लिए अबतक किसी प्रकार का टीका या दवा उपलब्ध नहीं हो सकी है. इसे लेकर राज्य स्वास्थ्य विभाग के आदेशानुसार जिले में लोगों को जागरूक करने के लिए एक जुलाई से डेंगू माह के रूप में मनाया जा रहा है. इस दौरान संदिग्धों का सर्वे कर घरों की जांच करायी जा रही है.
इसके अलावा सदर अस्पताल में डेंगू के मरीजों को भर्ती करने को लेकर आइसोलेशन वार्ड भी बनाया गया है. मगर, स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले में आजतक डेंगू- चिकनगुनिया की जांच की व्यवस्था नहीं की जा सकी है. ऐसे में आज भी मरीजों को डेंगू की जांच के बाद रिपोर्ट के लिए इंतजार करना पड़ता है. राज्य में डेंगू – चिकनगुनिया तथा आरवो- वायरस की जांच की सुविधा पहले मात्र तीन जगहों पर थी, लेकिन अब इसे बढ़ाकर राज्य में 10 जगहों पर इसकी जांच की सुविधा की गयी है. इनमें रांची, धनबाद, जमशेदपुर, चाईबासा, साहेबगंज, हजारीबाग, पलामू, दुमका, गोड्डा और सिमडेगा तो शामिल है, मगर देवघर में डेंगू जांच की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को काफी परेशानी हो रही है. वहीं, मरीजों को भी जांच रिपोर्ट के आने का इंतजार करना होता है.
स्वास्थ्य विभाग जुलाई को मना रहा डेंगू माह
स्वास्थ्य विभाग जुलाई माह को डेंगू माह के रूप में मना रहा है. इस दौरान चार कम्यूनिटी वालंटियर्स तथा फाइलेरिया विभाग व नगर निगम के कर्मियों की ओर से शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को जागरूक किया जा रहा है. साथ ही लोगों को मच्छरों के प्रजनन स्थलों की पहचान करने तथा उसे उसे नष्ट करने के बारे में भी बताया जा रहा है. वहीं लार्वानाशी छिड़काव भी कर्मियों की ओर से किया जा रहा है, साथ ही मच्छरों के लार्वा को मारने के लिए कीटनाशक दवाइयों का छिड़काव किया जा रहा है.
जिले में प्लेटलेट्स निकालने व चढ़ाने की सुविधा अबतक नहीं हो सकी बहाल
जिले में आज भी प्लेटलेट्स निकालने व चढ़ाने की की व्यवस्था नहीं की जा सकी है, जबकि डेंगू मरीजों में प्लेटलेट्स काफी कम हो जाता है. ऐसे में मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत होती है. पुराने सदर अस्पताल परिसर में 2004 से रक्त केंद्र का संचाल किया जा रहा है, मगर 19 साल बाद भी यहां प्लेटलेट्स निकालने के लिए ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन मशीन नहीं लगायी जा सकी है. इस कारण मरीजों को पूरा ब्लड चढ़ाना पड़ता है. चिकित्सकों के अनुसार, डेंगू मरीजों का लगातार प्लेटलेट्स घटने लगता है, और यदि प्लेटलेट्स घट कर 20 हजार से कम हो जाये तो मरीज को कभी-कभी नाक, पेशाब से खून आने लगता है. रिकवरी के लिए प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है. ऐसे में डेंगू के गंभीर मरीजों को प्लेटलेट्स चढ़ाने की अवस्था में रेफर करना पड़ता है.
हर साल जिले में बढ़ रहे है डेंगू के मरीज
डेंगू से बचाव के लिए लाेगों को जागरूक होने के साथ मच्छरों के काटने से बचाव और उसके प्रजनन को नष्ट करना ही एक मात्र उपाय है. मानसून के समय में जिले में हर साल डेंगू के मरीज बढ़ रहे हैं. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, जिले में हर साल डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ती जा रहा है. पांच सालों में जिले में डेंगू के 343 संदिग्ध मरीज मिले थे, जिनमें 143 लोगों का सैंपल लिया गया था. इनमें 40 लोगों में डेंगू की पुष्टि हुई थी. 2022 में जिले में डेंगू के सर्वाधिक 112 संभावित मरीज मिले थे, जिनमें 76 की सैंपल जांच के बाद 18 लोगों में डेंगू की पहचान हुई थी.
जिला में डेंगू मरीजों के आंकड़े
साल : संभावित : सैंपलिंग : कंफर्म मरीज
2018 : 101 : 21 : 06
2019 : 90 : 40 : 11
2021 : 06 : 06 : 02
2022 : 112 : 76: 18
क्या कहते हैं अधिकारी
देवघर के सिविल सर्जन डॉ युगल किशोर चौधरी ने बताया कि जिले में इंटीग्रेटेड मल्टी लैब की शुरुआत होने वाली है. इसकी शुरूआत होने के बाद सभी प्रकार की जांच शुरू की जायेगी. प्लेटलेट्स निकालने के लिए ब्लड कंपोनेंट सेपरेशन मशीन लगाने को लेकर स्टेट का लिखा जायेगा, ताकि इसकी जल्द से जल्द व्यवस्था हो सके.
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