Deoghar News : एमडीआर टीबी के मरीज का भी अब छह माह में इलाज संभव

केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की मंजूरी के 27 दिसंबर को झारखंड में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट ट्यूबरक्लोसिस (एमडीआर टीबी) काे अत्यधिक प्रभावी रूप से कम समय में ठीक करने के लिए बीपीएएलएम पद्धति से इलाज शुरू किया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | December 30, 2024 7:26 PM

संवाददाता, देवघर : केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की मंजूरी के 27 दिसंबर को झारखंड में राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मल्टी ड्रग रेसिस्टेंट ट्यूबरक्लोसिस (एमडीआर टीबी) काे अत्यधिक प्रभावी रूप से कम समय में ठीक करने के लिए बीपीएएलएम पद्धति से इलाज शुरू किया गया है. इसके अंतर्गत दवा में एक नयी एंटी-टीबी दवा शामिल है, जिसका नाम “प्रीटोमैनिड ” है. इस दवा से टीबी के एमडीआर मरीजों को काफी लाभ मिलेगा. इसे लेकर जिला यक्ष्मा पदाधिकारी डॉ संचयन ने कहा कि एमडीआर टीबी मरीजों के लिए यह दवा काफी कारगर होनेवाली है. जल्द ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह दवा उपलब्ध करायी जायेगी. यह दवा एमडीआर टीबी मरीजों को दी जायेगी. पहले ऐसे मरीज को नौ माह से 18 माह तक दवा खिलायी जाती थी, लेकिन अब इस दवा से एमडीआर टीबी बीमारी को छह माह में ही कंट्रोल किया जा सकेगा. बीपीएएलएम पद्धति में चार दवाओं बेडाक्विलिन, प्रीटोमैनिड, लाइनज़ोलिड और मोक्सीफ्लोक्सासिन का संयोजन शामिल है. ये दवा पिछली एमडीआर-टीबी इलाज प्रक्रिया की तुलना में सुरक्षित, अधिक प्रभावी और तेज असर करेगी.

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