देवघर : लोन लेकर पैसे नहीं चुका रहे 26396 लोग, बैंको के छूटे पसीने

देवघर में 26396 बैंक खाते एनपीए हो गए हैं. अब 26396 लोग कर्ज लेकर बैंकों को पैसे नहीं चुका रहे हैं. जिससे बैंकों को रिकवरी में परेशानी हो रही है. इसमें केसीसी, हाउसिंग, एजुकेशन, एमएसएमइ व अन्य प्रकार के लोन के खाते हैं. सबसे अधिक केसीसी ऋण के 24,978 बैंक खाते एनपीए हुए हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 27, 2023 9:02 AM

देवघर, अमरनाथ पोद्दार : देवघर में कुल 19 बैंकों के 26,396 बैंक खाते एनपीए हो गये हैं. इन खातों के एनपीए होने की वजह से बैंकों के 160 करोड़ रुपये ग्राहकों के पास फंस गये हैं. कर्ज लेकर 26,396 लोग पैसे वापस नहीं कर रहे हैं. एनपीए खाते से रिकवरी के लिए बैंकों को बार-बार नोटिस, सर्टिफिकेट केस व लोक अदालत में मामले ले जाने पड़ रहे हैं. इसमें केसीसी, हाउसिंग, एजुकेशन, एमएसएमइ व अन्य प्रकार के लोन के खाते हैं. सबसे अधिक केसीसी ऋण के 24,978 बैंक खाते एनपीए हुए हैं, जबकि कोविड के बाद उद्योग में आयी मंदी से एमएसएमइ सेक्टर के 291 बैंक खाते भी एनपीए हुए हैं.

एजुकेशन लोन में भी 134 बैंक खाते एनपीए हुआ है, जिस कारणों से बैंक एजुकेशन लोन देने में हाथ पीछे खींच रहे हैं. इसके अलावा हाउसिंग लोन के 67 व अन्य छोटे-मोटे सरकारी व गैर सरकारी लोन के 938 बैंक खाते एनपीए हुए हैं. केसीसी ऋण में तो 14,678 लाख, हाउसिंग लोन में 117 लाख, एजुकेशन लोन में 367 लाख एमएसएमइ में 773 लाख व अन्य लोन में 206 लाख रुपये कर्जदारों के पास फंस गये हैं.

किस बैंक का कितना पैसा फंसा

  • एसबीआइ- 1951 लाख

  • बैंक ऑफ इंडिया- 925 लाख

  • इंडियन बैंक- 4,119 लाख

  • सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया- 1216 लाख

  • पीएनबी- 1459 लाख

  • केनरा बैंक- 943 लाख

  • यूनियन बैंक- 744 लाख

  • यूको बैंक- 1163 लाख

  • बैंक ऑफ बड़ोदा- 165 लाख

  • इंडियन ओवरसीज बैंक- 65 लाख

  • बैंक ऑफ महाराष्ट्रा- 138 लाख

  • आइडीबीआइ बैंक- 75 लाख

  • एचडीएफसी- 55 लाख

  • आइसीआइसीआइ बैंक- चार लाख

  • एक्सीस बैंक- 36 लाख

  • बंधन बैंक- 22 लाख

  • ग्रामीण बैंक- 2030 लाख

  • को-ऑपरेटिव बैंक- 924 लाख

  • उज्जीवन फाइनांस- 32 लाख

देवघर : लोन लेकर पैसे नहीं चुका रहे 26396 लोग, बैंको के छूटे पसीने 2

देवघर में बैंकों में एनपीए खाता की संख्या बढ़ती जा रही है. कर्ज लेकर लोग वापस नहीं चुका रहे हैं. बैंकों के स्तर से कर्जदारों को बार-बार नोटिस दिये जाने के बावजूद लोन का पैसा नहीं चुकाने पर रिकवरी के लिए सर्टिफिकेट केस दर्ज किये जा रहे हैं. साथ ही लोक अदालत में मामलों को भेजा जा रहा है. – राजीव कुमार, एलडीएम, देवघर

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