देवघर : लोकसभा में गुरुवार को गोड्डा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने संताल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों का मामला उठाया. सांसद ने संताल परगना में एनआइए का कार्यालय व बांग्लादेशी घुसपैठियों से प्रभावित जिले में एनआरसी लागू करने की मांग उठायी है. सांसद डॉ दुबे ने कहा कि 20-25 वर्षों में राजनीतिक स्थितियों के कारण संताल परगना बांग्लादेशी घुसपैठियों का कॉरिडोर बनता जा रहा है. यह घुसपैठ असम के लक्खीमपुर से बरपेटा व नवगांव होते हुए पश्चिम बंगाल के मालदा, मुर्शिदाबाद, किशनगंज, अररिया, कटिहार सहित साहिबगंज, पाकुड़, गोड्डा व जामताड़ा में हो रहा है. यह सारे जिले बांग्लादेशी घुसपैठियों का केंद्र बन गया है. इन जिलों में डेमोग्राफी बदल गयी है. इन जगहों पर अलग-अलग प्रकार की सरकारें समय-समय पर वोट बैंक की वजह से घुसपैठियों को मदद करती रही है. सांसद डॉ दुबे ने कहा : झारखंड में आदिवासियों की संख्या 36 फीसदी हुआ करती थी, अब यह घटकर 26 फीसदी हो गयी है. पूरे देश में परिसीमन हो गया है, लेकिन झारखंड में बांग्लादेशी घुसपैठियों के कारण परिसीमन नहीं हो पाया है. आदिवासियों की जनसंख्या घटना की वजह से एक लोकसभा सीट व तीन विधानसभा सीट अनारक्षित होने वाली है.
उन्होंने कहा कि आज एससी व एसटी की उत्थान की बात हो रही है, लेकिन प्रत्येक राजनीतिक दल अपना वोट बैंक की वजह से बांग्लादेशी घुसपैठियों को मदद करती रही है. हाल के दिनों में कांग्रेस के युवराज की यात्रा भी इसी बांग्लादेशी घुसपैठियों से प्रभावित जिलों से होकर गुजरी है. सांसद डॉ दुबे ने लोकसभा स्पीकर के माध्यम से केंद्र सरकार से आग्रह करते हुए कहा है कि संताल परगना में बांग्लादेशी घुसपैठियों द्वारा आदिवासी महिलाओं के साथ शादी सहित आदिवासियों की जमीन पर कब्जा पर रोक लगायी जाये. जामताड़ा, गोड्डा व देवघर में बढ़ते साइबर क्राइम पर अंकुश लगाने के लिए संताल परगना में एनआइए का कार्यालय खोला जाये व सभी बांग्लादेशी घुसपैठिया के जिला में एनआरसी सबसे पहले लागू की जाये.
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